>RANCHI: राजधानी के चार थानों को अपने यहां प्राथमिकी दर्ज करने का रास्ता पूरी तरह से साफ होता दिख रहा है। ये गोंदा, सुखदेवनगर, डेली मार्केट और हिंदपीढ़ी थाने हैं। जानकारी के मुताबिक, होम सेक्रेटरी एनएन पांडेय ने इस संबंध में प्रमंडलीय आयुक्त केके खंडेलवाल को पत्र लिख कर राज्य सरकार की मंशा से अवगत करा दिया है।

कोतवाली में दर्ज होता था तीन थानों का मामला

गौरतलब हो कि बढ़ती आबादी और बढ़ते अपराध के कारण रांची में थानों और ओपी की संख्या बढ़ा दी गई। वहां थानेदारों व बल की प्रतिनियुक्ति भी कर दी गई। लेकिन, उन्हें प्राथमिकी दर्ज करने का स्वतंत्र प्रभार नहीं मिल पाया। आज भी हिंदपीढ़ी, डेली मार्केट और सुखदेवनगर थाना क्षेत्र का केस कोतवाली थाने में रजिस्टर्ड होता है। ऐसे में कोतवाली थाने की स्टेशन डायरी पेंडिंग रह जाती थी। वहीं गोंदा थाना एरिया में घटित घटना की प्राथमिकी बरियातू थाने में दर्ज की जाती है।

क्या है पत्र में

सूत्रों के मुताबिक, होम सेक्रेटरी ने आयुक्त को लिखे पत्र में कहा है कि रांची राजधानी बनने के बाद यहां के शहरी क्षेत्र में अपराध का ग्राफ काफी बढ़ गया है। ऐसे में विधि-व्यवस्था के संधारण, आपराधिक गतिविधियों की रोकथाम, प्रभावी नियंत्रण तथा कांडों के त्वरित अनुसंधान के लिए थानों को स्वतंत्र थाना के रूप में अधिसूचित किए जाने की जरूरत है। इसलिए यह पहल की जा रही है।

राज्य में 8म् थाने और ओपी अन नोटिफाइड

गौरतलब हो कि राज्य में 8म् थाने और ओपी अन नोटिफाइड हैं। इस बाबत कई बार पुलिस मुख्यालय की ओर से सरकार को अवगत कराया गया, लेकिन हर बार प्रस्ताव लटकता रहा। सीएम रघुवर दास की पहल पर पहली बार राजधानी रांची तथा अन्य जिलों में नोटिफाइड थानों की संख्या पर विचार किया जा रहा है।

रांची में कई ओपी, जहां दर्ज नहीं होता केस

रांची में ऐसे कई थाने और ओपी हैं, जहां कांड के केस स्वतंत्र रूप से दर्ज नहीं किए जाते है। इन थानों में पंडरा ओपी, मुरी ओपी, तुपुदाना ओपी, अरगोड़ा थाना, नरकोपी ओपी, बीआईटी मेसरा ओपी शामिल हैं।

नए थानों के लिए मांगी जानकारी

- अधिसूचित किए जाने के लिए प्रस्तावित थाना मुख्यालयों की भौगौलिक स्थिति, क्षेत्रफल, वर्तमान जनसंख्या, आपराधिक आंकड़े।

- उपलब्ध बल तथा अतिरिक्त बल सृजन के प्रस्ताव

- सृजित होनेवाले बल पर होनेवाला वार्षिक व्यय

- थाना क्षेत्र का मैप

Posted By: Inextlive