-12वीं की छात्रा की गैंगरेप के बाद हत्या का मामला

- चारों आरोपियों को घटना स्थल ले जाकर घटना का रीक्रिएशन

- रीक्रिएशन में सामने आया चौंकाने वाला तथ्य, कई कडि़यां जुड़ीं

LUCKNOW : रेप और हैवानियत का शिकार हुई 12वीं की छात्रा स्वाति (बदला नाम) की चीखें शहर के शोर में दब गई होंगी। ये चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है, उस दिल दहला देने वाली घटना के रियल टाइम रीक्रिएशन में। मंगलवार को पुलिस महकमे के आला अधिकारियों की मौजूदगी में स्वाति हत्याकांड का रीक्रिएशन किया गया। इस दौरान चारों आरोपी घटना स्थल पर मौजूद थे। पुलिस महकमे ने ये समझने की कोशिश की कि किस तरह से इन्होंने वारदात की और उस दिन इनकी गतिविधि क्या थी। रीक्रिएशन के लिए दो फीमेल डमी का भी इस्तेमाल किया गया, ताकि स्वाति के हालात का भी अनुमान लगाया जा सके।

8 बजे से ही घटनास्थल पर गहमागहमी

रीक्रिएशन के लिए मंगलवार सुबह 8 बजे से ही अफसर घटना स्थल पहुंचे। 8.45 पर डीआईजी डीके चौधरी और एसएसपी राजेश कुमार आए और साथ में एसपी टीजी जयप्रकाश, एसपी क्राइम डॉ। संजय कुमार, एसपी नॉर्थ विजय ढुल, सीओ गोमतीनगर सत्यसेन, सीओ महानगर अभयनाथ त्रिपाठी, सीओ हजरतगंज अशोक कुमार वर्मा भी पहुंचे। साक्ष्य छिपाने के आरोप में अरेस्ट किये गए सद्गुरु व दीपक उर्फ दीपू को लेकर जानकीपुरम पुलिस घटनास्थल पहुंची। संदेह के घेरे में आए गोल्फ क्लब के कैडी माइकल व नसीर को भी लाया गया था।

साइंटिफिक तरीके से हुआ रीक्रिएशन

बेहद साइंटिफिक तरीके से हुए रीक्रिएशन में पुलिस ने उसी जगह से शुरूआत की जहां आरोपियों की निशानदेही पर सोमवार को चार जगह खूंटे गाड़े गए थे। सदगुरू, दीपू और दोनों कैडी को अलग-अलग खूंटों और घटना स्थल तक ले जाया गया। 15 मिनट ये कवायद दोहराई गई। पुलिस जानना चाहती थी की वारदात के वक्त चारों की गतिविधियां क्या थीं? अफसरों ने न केवल चारों से सघन पूछताछ की, बल्कि रीक्रिएशन के दौरान उनकी हर हरकत को नोट किया।

1 घंटा 46 मिनट तक चली कवायद

आरोपियों से पूछताछ की बातें नोट हो रही थीं और बयानों की वीडियोग्राफी भी करवाई जा रही थी। सुबह करीब 9.30 बजे फॉरेंसिक लैब के डायरेक्टर श्यामबिहारी उपाध्याय और जी खान टीम के साथ पहुंचे। फॉरेंसिक टीम रबर और प्लास्टिक की डमी लेकर आई थी। रबर वाली लड़की की डमी को हवा भरने के बाद कपड़े पहनाए गए और उसे दरिंदगी वाली जगह पर ले जाया गया। इसके बाद चारों आरोपियों को दोनों डमी के पास ले जाकर छात्रा के साथ की गई हरकत के बारे में पूछताछ की गई। 1 घंटा 46 मिनट तक चली यह कवायद सुबह 10.46 बजे खत्म हुई। पुलिस ऑफिसर्स ने दबी जुबान में माना कि इस रीक्रिएशन के जरिए उन्हें कई अनसुलझी कडि़यां जोड़ने में मदद मिली है। हालांकि, एसएसपी ने किसी नतीजे पर पहुंचने से पहले फॉरेंसिक रिपोर्ट का इंतजार करने की बात कही है।

मापा गया ध्वनि प्रदूषण

पुलिस महकमे द्वारा पहली बार इस तरह रीक्रिएशन की कवायद की। और, सच तक पहुंचने के लिए बेहद कारगर तरीके इस्तेमाल किए गए। जिनसे चौंकाने वाला तथ्य सामने आया। पुलिस ने लाश मिलने वाली जगह महिला कॉन्सटेबल विभा गोस्वामी को खड़ा कर पुकार लगाने को कहा। विभा ने जोर-जोर से चीखी, लेकिन लोहिया पथ पर तैनात पुलिसकर्मी ट्रैफिक के शोर के कारण उसकी पुकार सुन न सके। इस दौरान घटनास्थल और लोहिया पथ का ध्वनि प्रदूषण लेवल मापा गया। पुलिस सूत्रों ने बताया कि लोहिया पथ का ध्वनि प्रदूषण लेवल 70 डेसिबल निकला। फॉरेंसिक एक्सप‌र्ट्स के मुताबिक, घटनास्थल से लोहिया पथ की दूरी करीब 50 मीटर है। इसके अलावा घटनास्थल से रोड की ऊंचाई करीब 35 फीट है। ऐसी हालत में 40 डेसिबल तक के ध्वनि लेवल पर ही किसी की चीख-पुकार सुनी जा सकती है। लेकिन, लोहिया पथ पर मानक से ज्यादा ध्वनि प्रदूषण लेवल होने की वजह से स्वाति की चीख इसमें दबी रह गई।

Posted By: Inextlive