- 25 हजार एमएसटी धारकों के पहले चरण के वैरीफिकेशन में ही 600 नाम पते निकले गलत

- बिना पुलिस वैरीफिकेशन रिपोर्ट के मान्य नहीं होती एमएसटी, जीआरपी को जिम्मा

- पासपोर्ट के लिए पुलिस रिपोर्ट लगाने जैसा ही न हो एमएसटी वैरीफिकेशन का हश्र

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यन्हृक्कक्त्र: ट्रेन से डेली सफर करने के लिए बनने वाली एमएसटी अब आसानी से नहीं बन सकेगी। रेलवे ने एमएसटी बनाने में होने वाले फर्जीवाड़े को रोकने के लिए एमएसटी धारक का पुलिस वैरीफिकेशन अनिवार्य कर दिया है। ऐसा करने के पीछे रेलवे की मंशा भले ही फर्जीवाड़ा रोकने की हो लेकिन जीआरपी से वैरीफिकेशन की बाध्यता से वसूली की आशंका भी बढ़ गई है।

रोजाना 50 वेरीफिकेशन

शहर में 25 हजार एमएसटी धारक हैं जोकि नौकरी या व्यापार के लिए रोजाना ट्रेन का प्रयोग करते हैं। जीआरपी ने इन एमएसटी धारकों के नाम पते का वैरीफिकेशन शुरू किया है। पहले चरण में 5,000 एमएसटी धारकों के वैरीफिकेशन में 600 के करीब एमएसटी धारकों के नाम पते फर्जी पाए गए। जीआरपी इंस्पेक्टर त्रिपुरारी पांडेय ने बताया कि रोज 50 से ज्यादा एमएसटी धारकों के पुलिस वैरीफिकेशन होते हैं जिसमें 4 से 5 लोगों के नाम पते गलत निकलते हैं।

बुलाने पर जाना पड़ेगा

एमएसटी धारकों का पुलिस वैरीफिकेशन जीआरपी के द्वारा किया जा रहा है। एमएसटी बनने के बाद यात्री तो यात्रा कर सकता है लेकिन उसकी डिटेल रेलवे जीआरपी को दे देगा। जीआरपी अगर जरूरी समझती है तो एमएसटी धारक के घर जाकर उसके नाम पते को वैरीफाई करेगी या फिर संबंधित थानाक्षेत्र के जरिए वैरीफाई कराएगी। अगर कुछ गड़बड़ मिलता है तो एमएसटी धारक को थाने भी बुला सकती है।

पासपोर्ट जैसा न हो हाल

एमएसटी धारकों के लिए पुलिस वैरीफिकेशन अनिवार्य करने के पीछे रेलवे भी मंशा भले ही सही हो लेकिन जीआरपी का काम भी बढ़ गया है इसके साथ ही एमएसटी धारकों के लिए चिंता की एक और बात है वह है पुलिस वैरीफिकेशन के नाम पर वसूली। जैसा की पासपोर्ट बनाने के लिए लगने वाली पुलिस रिपोर्ट में होता है। हालाकि अंदर खाने तो इसकी रकम को लेकर भी खींचतान की खबर है। लेकिन कोई पुष्टि नहीं करता। वहीं एमएसटी धारकों में भी इसको लेकर सवालों के साथ उलझन भी है।

क्या कहते हैं लोग

एमएसटी बनवाने के लिए भी अब पुलिस वैरीफिकेशन अनिवार्य करने की क्या जरूरत है। एमएसटी बनवाते समय ही यात्री के ओरिजनल डॉक्यूमेंट देख कर वैरीफाई किए जा सकते हैं।

- कमल

जिस तरह से पासपोर्ट बनवाने के लिए पुलिस की रिपोर्ट लगवाने के लिए चक्कर लगाने पड़ते हैं वैसा ही कहीं एमएसटी के वैरीफिकेशन में भी न हो जाए।

- निखिल

यह तो यात्री के लिए ही सिरदर्द है। पहले एमएसटी बनवाने के लिए लाइन में लगे फिर उसके वैरीफिकेशन के लिए चढ़ावा भी दे।

- राजेश

पुलिस वैरीफिकेशन से फर्जी नाम पते से एमएसटी बनवाने वालों पर तो लगाम लगेगी लेकिन इसके नाम पर वसूली भी बढ़ सकती है। रेलवे अधिकारियों को इसका भी ध्यान रखना होगा।

- सुंदर

Posted By: Inextlive