- पुलिस की करतूतों को वाट्स एप पर इलाहाबादियों ने किया शेयर

- विक्रम वाले से लेकर ठेलिया वाले तक को करते हैं परेशान

पुलिस की करतूतों को वाट्स एप पर इलाहाबादियों ने किया शेयर

- विक्रम वाले से लेकर ठेलिया वाले तक को करते हैं परेशान

ALLAHABAD: allahabad@inext.co.in

ALLAHABAD: हां, ये बिलकुल सही बात है। पुलिस हमेशा ही अपनी वर्दी का नाजायज फायदा उठाती है। हमेशा ही गरीबों को परेशान करती है। बात सिर्फ एक जूस वाले तक सीमित नहीं है। बल्कि जहां उसे मौका मिलता है वहां ऐसा करती है। विक्रम में बैठती है तो विक्रम वाले को किराया नहीं देती। पुलिस वाले बस से कहीं जाते हैं तो यहां भी वर्दी की धौंस दिखाते हैं। हद तो यह है कि सड़क पर ठेलिया वालों से भी रुपए वसूल करते हैं।

पब्लिक ने शेयर किए अनुभव

फ्री में जूस पीने में हुए सस्पेंड सिपाहियों की न्यूज आई नेक्स्ट में पब्लिश करने के साथ इलाहाबादियों से हमने पुलिस के इस रवैये पर कमेंट मांगा था। आई नेक्स्ट के वाट्स एप नंबर पर दर्जनों लोगों ने अपनी आप बीती सुनाई। कुछ लोगों ने अपनी आंखों से देखा हाल बताया कि कैसे पुलिस वाले बिना रुपए दिए विक्रम में बैठ जाते हैं। तो किसी ने अपनी उस घटना का जिक्र किया जिसमें वह पुलिस के फंदे में निर्दोष होने के बावजूद भी फंसे गए थे।

आए दिन मिलती है शिकायत

पुलिस वालों की गुंडई की शिकायत आए दिन मिलती है। कुछ दिन पहले ही दारागंज सब्जी मंडी के व्यापारियों ने पुलिस के खिलाफ हल्ला बोला था। उनका आरोप था कि थाने के सिपाही वहां जाकर जबरदस्ती वसूली करते हैं। मामला इतना बढ़ गया था कि उन्होंने एसएसपी आफिस पहुंच कर विरोध जताया। जिसके बाद पुलिस आफिसर ने मामले को संज्ञान में लेकर उनकी प्राब्लम का निस्तारण किया।

एक दो से पूरा सिस्टम बदनाम

इस मामले में पुलिस आफिसर का कहना है कि ऐसा नहीं है कि हर पुलिस वाला ही गुंडा है। अगर ऐसा होता तो यह सिस्टम कब का फेल हो चुका होता। हर विभाग की तरह पुलिस विभाग में भी एक दो लोग ऐसा काम कर जाते हैं जिसके चक्कर में पूरा डिपार्टमेंट बदनाम हो जाता है। इन लोगों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई होती है। विभागीय कार्रवाई से लेकर एफआईआर तक दर्ज कर दर्ज हो जाती है।

वाट्स एप कमेंट

- पुलिस वर्दी के नाम पर कलंक है। पुलिस कभी नहीं सुधर सकती है। वो हमेशा सोचती है कि कब कोई लड़ाई झगड़ा हो और चले पैसे लें। मैं तो नाम भी बता रहा हूं कि मेरे गांव में झगड़ा हुआ था तो अगली पार्टी थाने गई थी। लेकिन हम लोग नहीं गए थे। और सरायममरेज पुलिस के विनोद यादव ने मुझसे कहा कि दस हजार रुपए हैं तो तुम्हारा नाम हटा दूंगा। मैंने कह दिया मैं कुछ नहीं दूंगा जो करना है आप कर लीजिए। मुझे जो करना है वह मैं करूंगा।

जनार्दन मौर्या

- हां पुलिस वर्दी का गलत इस्तेमाल करती है। दरअसल पुलिस ऐसी हरकत सिर्फ गरीबों के साथ करने की हिमाकत करती है। यही हरकत कोई अमीर के साथ करें तो इन पुलिस वालों को ठीक कर दें।

सौरभ कुमार

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बहुत ज्यादा वर्दी का गलत इस्तेमाल करते हैं पुलिस वाले। मैंने बहुत बार देखा ये लोग आटो वालों को बिना रुपए दिए ही चल देते हैं। बिना हेलमेट बाइक चलाते हैं और इन्हें कोई नहीं रोकता।

Posted By: Inextlive