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PATNA : पुलिसकर्मियों को किसी सूरत में चैन नहीं मिल रही है. चुनाव में ड्यूटी लगी तो वहां जाने से पहले अपने आपको तैयार करने के लिए जद्दोजहद फिर वहां से लौटे से अपना सामान वापस करने में परेशानी. पूरा मामला चुनावी ड्यूटी से लौटे पुलिसकर्मियों के हथियार और कारतूस जमा कराने का है. पहले तो हथियार और कारतूस लेने के लिए पसीना बहाया और अब जब जमा कराने आए तो यहां भी पसीना बहा रहे हैं. कुछ न कुछ कमी बताकर उन्हें यहां से वहां दौड़ाया जा रहा है. किसी के कारतूस में कट का निशान मिल रहा है तो किसी का हथियार साफ नहीं है. इस कारण पुलिसकर्मियों को वापस कर दिया जा रहा है. इस तरह की कई सारी शिकायतें पटना शस्त्रागार के पास आ रही है. इससे पुलिसकर्मियों की परेशानी बढ़ गई है.

दर्ज हो सकता है मुकदमा

दरअसल, जब भी किसी पुलिसकर्मी के पास से डिफेक्टेड कारतूस बरामद होता है उसमें दो तरह की संभावनाएं रहती है. पहला संबंधित पुलिसकर्मी कहीं कारतूस को बदल तो नहीं दिया और दूसरा, कहीं उपयोग तो नहीं किया. ये दोनों की बहुत गंभीर विषय है. इसमें मुकदमा दर्ज कराने का भी प्रावधान रहता है. इस कारण पुलिसकर्मी डरे हुए रहते हैं और किसी भी सूरत में हथियार जमा कराने के लिए जद्दोजहद करते रहते हैं.

जमा नहीं हो सके सभी हथियार

चुनाव खत्म हो गया है लेकिन अभी तक सैकड़ों ऐसे पुलिसकर्मी हैं जो हथियार जमा नहीं करा पाए हैं. नियम के तहत उन्हें चुनाव खत्म होने के बाद तुरंत हथियार जमा करा देना चाहिए. हालांकि, इस मामले में अधिकारियों का मानना है कि मतगणना में ड्यूटी होने के कारण कई पुलिसकर्मियों ने अभी तक हथियार जमा नहीं कराए हैं.

शस्त्रागार में रहती है चौकसी

शस्त्रागार में काफी चौकसी रहती है. हथियार जमा कराने जा रहे पुलिसकर्मियों के कारतूस का रिकॉर्ड से मिलान कराया जाता है. इसके बाद हथियारों को भी देखा जाता है कि कहीं टेढ़ा तो नहीं है. जब जमा करने वाला कर्मचारी सभी बिंदुओं पर संतुष्ट हो जाता है तब वो हथियारों की साफ-सफाई भी देखता है. अगर हथियार गंदा है तो वापस कर दिया जाता है. उसे शस्त्रागार में ही सफाई करने के लिए कहा जाता है. इसके बाद ही हथियार जमा होता है.

Posted By: Manish Kumar