PATNA : बिहार की राजनीति में पोस्टर वार जारी है। अब राजद ने भी पोस्टर के जरिए सत्ता पक्ष पर हमला किया है और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को राम के रूप में दिखाया है, जबकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को रावण की तरह चित्रित किया गया है। पोस्टर से राजद की सहयोगी दल कांग्रेस ने किनारा किया है और लगाने वालों पर सवाल भी उठाया है।

राजद का किया बचाव

तेजस्वी की 'संविधान बचाओ यात्रा' 21 अक्टूबर से शुरू हो रही है। यात्रा से पहले राजद कार्यालय के बाहर लगाए गए पोस्टर का राजद ने बचाव भी किया है। पोस्टर में तेजस्वी को राम की तरह तीर-धनुष लिए दिखाया गया है, जो रावण की ओर निशाना साधते नजर आ रहा है। पोस्टर लगाने वाले राजद आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ के उपाध्यक्ष आनंद भगत हैं, जिन्होंने अपना परिचय भी दे रखा है। पोस्टर में एक स्लोगन भी दिया गया है- 'जब-जब रावण ने अत्याचार किया है, तब-तब राम ने जन्म लिया है.' राजद की ओर से इससे पहले भी पोस्टर लगाया गया है। पहले भी तेजस्वी के घर के बाहर पोस्टर लगाकर महाभारत के द्रौपदी स्वयंवर के प्रसंग का चित्रण किया गया था, जिसमें तेजस्वी को तीर-धनुष से मछली पर निशाना लगाते दिखाया गया था। मछली की जगह नीतीश कुमार, अमित शाह और सुशील मोदी की तस्वीरें थीं।

कांग्रेस ने जताई आपत्ति

पोस्टर को लेकर भाजपा-जदयू के पहले महागठबंधन में ही परस्पर विरोधी स्वर आ रहे हैं। कांग्रेस ने पोस्टर पर जहां कड़ी आपत्ति जताई है, वहीं राजद ने समर्थन किया है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा ने कहा है कि नीतीश कुमार सिर्फ नेता नहीं, बल्कि मुख्यमंत्री भी हैं। उन्हें रावण के रूप में दिखाना उचित नहीं है। कांग्रेस सांसद अखिलेश सिंह ने कहा है कि तेजस्वी की तुलना राम से की जा सकती है, किंतु किसी को रावण बताना सही नहीं है। राजद प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव और चितरंजन गगन ने कहा है कि रावण अत्याचार का प्रतीक है। बिहार में लूट, हत्या, अपहरण एवं दुष्कर्म की घटनाएं बढ़ रही हैं। पोस्टर में राज्य की बदहाल स्थिति को प्रतीकात्मक रूप में दिखाया गया है। इसे व्यक्ति विशेष से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए।

Posted By: Inextlive