- मुन्ना चक और बाजार समिति एरिया का पानी भी खराब

- एरिया में सबसे अधिक जांडिस की चपेट में आते हैं स्टूडेंट

- शिकायत के बाद भी वाटर बोर्ड की ओर से नहीं उठाया गया है कदम

PATNA : नगर निगम आम शहरी से लेकर यहां के स्टूडेंट किसी की भी फिक्र नहीं करता है। इसी का नतीजा है कि स्टेट के अदर डिस्ट्रिक्ट से आकर यहां पर पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट महीने में कई बार बीमार पड़ जाते है। जांडिस से लेकर टाइफाइड तक यहां के स्टूडेंट को परेशान करते रहता है। इसका खुलासा उस समय हुआ जब मुन्ना चक और बाजार समिति एरिया के पानी की जांच की गई। पीएच स्केल में पानी की हालत काफी खराब थी। पहली नजर में ही सप्लाई वाटर में कई तत्व के घुले होने की बात सामने आई है। राजीव कुमार की मानें तो पीएच स्केल में भी 9 तक पहुंच गया है जो यह दिखाता है कि पानी में गंदगी की मात्रा काफी है। एक्सपर्ट राजीव ने बताया कि इसके लिए उन्होंने तीन नल का पानी लिया। इसमें से एक नल का पानी पीला, दो अन्य सफेद आया, लेकिन पीला कलर वाला पानी और सफेद दोनों के जांच का रिजल्ट सेम ही आया। अंतर पानी के प्रेशर का रहा होगा। मुन्ना चक और बाजार समिति की खासियत है कि सात साल में यहां पर स्टूडेंट की तादात काफी बढ़ी है। इसके अलावा यहां पर दूसरा ग्रोथ मेडिकल हब के रूप में हो गया है। मेडिकल प्रैक्टिशनर भी मानते हैं कि यहां पर बच्चे साल भर रहने के बाद लीवर प्राब्लम की चपेट में जरूर आ जाते हैं। प्राब्लम इतना क्रॉनिक होता है कि स्टूडेंट को बिना फ्यूरीफाई के यहां पर रह पाना मुश्किल होता है। इंस्टीच्यूट ऑनर का दावा है कि वो बोरिंग का पानी पिलाते हैं, लेकिन हकीकत है कि गहराई काफी कम होने की वजह से पानी में गंदगी की मात्रा बनी रहती है।

Posted By: Inextlive