- तपती दुपहरी में टीन शेड के नीचे शिक्षा ग्रहण करने को विवश बेसिक स्कूलों के स्टूडेंट

- पानी जैसी मूलभूत जरूरतों के लिए होते हैं परेशान

ALLAHABAD: मंत्री जी ने आदेश दिया कि यूपी के बेसिक व माध्यमिक स्कूलों का सत्र सीबीएसई के पैटर्न पर चलेगा। सीबीएसई की तरह ही इस बार से अप्रैल में ही आनन फानन में यूपी बोर्ड व बेसिक स्कूलों के सत्र का आगाज हो गया। सत्र को अप्रैल से शुरू करने के पीछे मकसद था कि सरकारी स्कूलों को भी सीबीएसई के प्राइवेट स्कूलों की तरह ही संचालित किया जाए और शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाई जाए। लेकिन बच्चों को सुविधाएं देने की बात आई तो हर एक जिम्मेदार सन्नाटा खींच गया। सिटी के प्राथमिक स्कूलों में सुविधाओं का ऐसा बुराहाल है कि यहां के बच्चों को देखकर ही तरस आता है। खुद आईनेक्स्ट रिपोर्टर इन स्कूलों का जायजा लिया तो हकीकत देख हैरत में पड़ गया।

टीन की छत के नीचे पढ़ने को मजबूर

सिविल लाइंस जैसे पॉस इलाके में पीडी टंडन रोड स्थित बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से संचालित एक प्राथमिक विद्यालय की हालत बेहद खस्ता नजर आयी। टीन की छत से तैयार स्कूल के सिर्फ एक कमरे में ही बच्चों को पढ़ाने की व्यवस्था है। जबकि दूसरे कमरे में मिड डे मील बनाने के लिए रसोई बनायी गई है। स्कूल में साफ सफाई तो ठीक मिली। लेकिन भीषण गर्मी में तपते हुए टीन की छत के नीचे खड़ा रहना ही बेहद मुश्किल लग रहा था। सिर्फ पांच मिनट के भीतर ही लोग उमस, गर्मी से परेशान हो सकते हैं। ऐसे में स्कूल में पढ़ने वाले मासूमों की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है। बच्चों की परेशानी को देखते हुए स्कूल की प्रिंसिपल ने भी स्कूल के बाहर लगे पेड़ की छांव को ही क्लास रूम से बेहतर समझा। ये हॉल सिर्फ एक ही स्कूल का नहीं है। सिटी में ही कई ऐसे स्कूल हैं जहां ऐसी स्थिति देखने को मिली। कुछ स्कूल के टीचर्स ने बताया कि गर्मी के कारण ही स्टूडेंट्स की संख्या भी काफी कम हो गई है।

सिर्फ प्रिंसिपल के भरोसे चल रहा स्कूल

पीडी टंडन रोड पर स्थित उक्त स्कूल में टीचर्स के नाम पर सिर्फ एक प्रधान अध्यापिका ही तैनात हैं। आईनेक्स्ट की टीम जब वहां पहुंची तो स्कूल की प्रधान अध्यापिका तनवीर ने बताया कि स्कूल में उनके अलावा सिर्फ दो रसोइया हैं। उन्होंने बताया कि उनकी भी तैनाती सिर्फ तीन दिन पहले ही हुई है। इसके पहले दीप्ती श्रीवास्तव इंचार्ज के रूप में तैनात थी। स्कूल में टीचर्स के बारे में उन्होंने कहा कि पहले शिक्षामित्र की तैनाती थी। लेकिन सहायक अध्यापक के पद पर समायोजन के बाद वे भी ग्रामीण एरिया में तैनात हो गए। स्कूल की अव्यवस्था के बारे में उन्होंने बताया कि स्कूल किराये की बिल्डिंग में संचालित है। अव्यवस्थाओं के बारे में कई बार लिखित रूप से अधिकारियों को जानकारी दी गई। लेकिन अभी तक इसे कहीं भी शिफ्ट करने की कोई व्यवस्था नहीं हो सकी।

- कई ऐसे विद्यालय हैं जो किराये के कमरों में चल रहे हैं। इसलिए उसमें निर्माण कार्य नहीं कराया जा सकता। शिक्षकों का प्रमोशन होने के कारण कुछ स्कूलों में टीचर्स की कमी है, उसकी रिपोर्ट मांगी गई है। उसे भी शीघ्र ही दूर कर लिया जाएगा।

राजकुमार यादव

बेसिक शिक्षा अधिकारी

Posted By: Inextlive