प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय एरिया में डाक विभाग इंटरनेशनल बिजनेस सेंटर आईबीसी की सौगात देगा।

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VARANASI: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय एरिया में डाक विभाग इंटरनेशनल बिजनेस सेंटर (आईबीसी) की सौगात देगा। कैंटोनमेंट एरिया में यह सेंटर खोला जाएगा। आईबीसी से खासकर छोटे निर्यातक अपना प्रोडक्ट किफायती दरों पर विदेश भेज सकेंगे। इससे उनका निर्यात बढ़ेगा और समय भी बचेगा। डाक विभाग उनके सामानों के रीपैकेजिंग की सुविधा भी देगा। इसके लिए मोटराइज्ड ट्रॉली, मशीनें आदि खरीदी जाएंगी। आईबीसी के लिए जमीन चयनित कर प्रस्ताव संचार मंत्रालय को भेज दिया गया है।
तीन जगहों पर खुलेंगे आईबीसी
अभी तक इंटरनेशनल बिजनेस सेंटर नई दिल्ली, मुम्बई, कोलकाता और चेन्नई में हैं। अब डाक विभाग ने कई स्टेट की राजधानियों में आईबीसी खोलने की योजना बनाई है, लेकिन उत्तर प्रदेश में तीन जगहों पर अन्तरराष्ट्रीय व्यवसाय केन्द्र खोले जाएंगे। इन डिस्ट्रिक्ट्स में राजधानी लखनऊ समेत वाराणसी और नोएडा शामिल हैं। वाराणसी और नोएडा में बेहतर व्यापारिक गतिविधियों की वजह से इन्हें चयनित किया गया है।
निर्भरता होगी खत्म
दरअसल, पूर्वांचल के बड़े और मझोले एक्सपोर्टर्स अपना प्रोडक्ट शिपिंग कम्पनियों के माध्यम से विदेश भेजते हैं, लेकिन छोटे निर्यातक इसके लिए निजी कूरियर कम्पनियों पर निर्भर रहते हैं। इससे उनका पैसा ज्यादा लगता है। वहीं कई बार कूरियर कम्पनियां समय से सामान नहीं पहुंचा पाती। आईबीसी बनने से निर्यातक अपना कम वजनी सामान किफायती दरों पर विदेश भेज सकेंगे। कूरियर से सामान भेजने की उनकी मजबूरी खत्म हो जाएगी। बनारस में आईबीसी बनना पूर्वांचल के तमाम डिस्ट्रिक्ट्स के साड़ी, कॉरपेट समेत अन्य हस्तकला व हस्तशिल्प उद्योगों के नजरिए से महत्वपूर्ण है। इन जिलों के निर्यातक इंटरनेशनल बिजनेस सेंटर बनाने की डिमांड भी कर रहे थे। अब आईबीसी बनने से पूर्वांचल के निर्यात में इजाफा होने की सम्भावना है।
प्राब्लम नहीं झेलनी पड़ेगी
साथ ही निर्यातकों का पैसा भी बचेगा। डाक विभाग उनसे यूनिवर्सल पोस्ट कैंटोनमेंट एरिया में जल्द ही खोला जाएगा इंटरनेशनल बिजनेस सेंटर बनारस के छोटे निर्यातक किफायती दरों पर विदेश भेज सकेंगे अपना प्रोडक्ट रीपैकेजिंग की मिलेगी सुविधा दरअसल, बंदरगाहों पर प्रोडक्ट पहुंचने के बाद संदेह होने पर सीमा शुल्क विभाग के अफसर अगर पैकेजिंग खोलकर उसकी जांच करते हैं तो उसकी रीपैकेजिंग करना चुनौती भरा काम होता है। बड़े एक्सपोर्टर्स के सामान की रीपैकेजिंग हॉयर की गईं शिपिंग कम्पनियां करा देती हैं, लेकिन कूरियर वाले ऐसा नहीं कर पाते। ऐसे में छोटे निर्यातकों को रीपैकेजिंग का अतिरिक्त पैसा देना पड़ता है। आईबीसी से सामान भेजने पर एक्सपोर्ट्र्स को यह प्राब्लम नहीं झेलनी पड़ेगी। यूनियन के रूल्स से निर्धारित एक्सपोर्ट रेट के हिसाब से शुल्क लेगा।

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Posted By: Shweta Mishra