-शासन ने इलेक्शन रिजल्ट के बाद होली के दौरान और उसके बाद हुए विवादों की मांगी डिटेल

-शीशगढ़ के मामले को लेकर भी हो रहा जबाव तलब, अधिकारी टेंशन में

>BAREILLY: इलेक्शन रिजल्ट के शीशगढ़ के पोस्टर वार का मुद्दा चर्चा में बना हुआ है। इससे बरेली पुलिस-प्रशासन के साथ-साथ यूपी शासन भी टेंशन में आ गया है। लगातार बढ़ते मामलों को लेकर यूपी शासन ने इस दौरान हुए सभी विवादों और उनमें किए गए एक्शन की रिपोर्ट मांग ली है। खबर है कि शीशगढ़ केस के बारे में पुलिस अधिकारियों से जबाव-तलब किया गया है लेकिन कोई भी अधिकारी इसकी पुष्टि नहीं कर रहा है।

पुलिस ने दर्ज कराया था केस

शीशगढ़ में होली से ठीक एक दिन पहले गांव के दूसरे समुदाय के लोगों के घरों पर पोस्टर लगा दिए थे। जिसमें उन्हें गांव से छोड़ने की धमकी दी गई थी। सुबह जब गांव वालों को पता चला तो उन्होंने तुरंत पोस्टर हटा दिए थे लेकिन एक पोस्टर लगा रह गया था। जिसके बाद मामला चर्चा में आ गया था। जैसे ही पुलिस को मामले की खबर लगी तो पुलिस ने दूसरे पक्ष से एफआईआर दर्ज कराने के लिए कहा था लेकिन लोगों ने एफआईआर दर्ज कराने से इनकार कर दिया था। मामला संवेदनशील होने के चलते पुलिस ने खुद अपनी ओर से अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली थी। पुलिस ने इस मामले में कुछ युवकों को पूछताछ के लिए भी उठाया था लेकिन बाद में सबूत न होने पर छोड़ दिया गया था। पुलिस को पूरा शक है कि साजिशन ऐसा किया गया था।

आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास

होली के बाद मामला मीडिया में आया तो इसे सीधे-सीधे बीजेपी सरकार पर आरोप लगने लगे तो बीजेपी के कई नेताओं ने इस केस को गंभीरता से लिया। जिसके बाद ही इस केस में यूपी पुलिस के अधिकारियों ने बरेली के अधिकारियों से रिपोर्ट मांग ली। बरेली पुलिस ने अधिकारियों को बताया है कि उन्होंने अपनी ओर से प्रभावी कार्रवाई की है और आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं।

ये विवाद भी आए सामने

इलेक्शन के बाद होली पर कई अन्य विवाद भी सामने आए। जिसमें कांकरटोला में होली की सजावट को लेकर दूसरे पक्ष ने विरोध कर दिया था। फरीदपुर के एक गांव में होलिका को एक दिन पहले ही जला दिया गया था। इसके अलावा भी सिटी व रूरल एरिया में कोई छोटे विवाद सामने आए थे। इन सभी विवादों की रिपोर्ट शासन को भेजी जा रही है।

Posted By: Inextlive