छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र: गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) में करोड़ों की हेराफेरी करने वाले मास्टरमाइंड तक पहुंचने की पुलिस टीम की कवायद चल रही है। इसके लिए पुलिस टीम ने बीते दिनों शहर के वैसे चार लोगों से पूछताछ की जो रुपये कमाने के लालच में जाने-अनजाने मास्टरमाइंड के जाल में फंस गए थे। बैंक खाता और जरूरी कागजात भी उपलब्ध करा दिया था। अब तक की जांच में पुलिस टीम प्रदीप कुमार सिंह को ही मुख्य रूप से तलाश रही है, जो गोविंदपुर के घोड़ाबांधा इलाके मेंकालीमंदिर के पास रहता था, लेकिन जब तक पुलिस जांच करते हुए उस तक पहुंचती तब तक वह शहर से भागने में सफल रहा। प्रदीप कुमार सिंह किंगपिन है। अब तक यही बात सामने आ रही कि वह बिहार का रहने वाला है। मालूम हो कि जीएसटी में हेराफेरी मामले में गृह सचिव ने डीजीपी को 10 लोगों को गिरफ्तार करने का आदेश दिया है।

जुटा रही है जानकारी

टेल्को थाना क्षेत्र लक्ष्मीनगर निवासी पंकज कुमार ठेका मजदूरी करता है। प्रदीप कुमार सिंह उसका परिचित था। उसने पंकज को पहले जाल में यह कहते हुए फांसा कि उसे व्यवसाय करना है। इसके लिए विभाग से कागजात बनाने हैं। इसमें मदद करे। कुछ रुपये भी दिए जाएंगे। पंकज के एसबीआइ खाता का नंबर प्रदीप कुमार सिंह ने यह कहते हुए ले लिया कि वह खाते में रुपये भेजेगा, लेकिन नहीं भेजा। जांच के दायरे में आने के बाद खाता फिलहाल बिष्टुपुर थाना में जब्त है। पुलिस बैंक अधिकारियों से खाते के ट्रांजेक्शन के संबंध में जानकारी एकत्र कर रही है। पंकज ने अपने परिचित टेल्को क्षेत्र के सत्य प्रकाश से संपर्क साधा। पंकज के माध्यम से प्रदीप कुमार सिंह उससे जुड़ गया। सत्यप्रकाश पुराने कोर्ट परिसर में लोगों के कागजात बनवाने में मध्यस्थता का काम करता है। उसे भी प्रदीप कुमार सिंह ने जाल में फांसते हुए उससे कागजात बनवाने मे मदद ली।

पुलिस टीम ने प्रदीप कुमार सिंह तक पहुंचने को पंकज, सत्यप्रकाश और घोड़ाबांधा के रवि उर्फ राजेश रवि से कई दिनों तक पूछताछ की, लेकिन प्रदीप कुमार सिंह का घोड़ाबांधा का ही पता मिल पाया।

शहर में पांच मामले दर्ज

जीएसटी फर्जीवाड़ा के शहर में छह मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें 65 करोड़ 26 लाख रुपये राजस्व की चोरी हुई है। इन मामलों को दर्ज कराने से पहले झारखंड राज्य कर विभाग के जमशेदपुर प्रमंडल ने अपनी ओर से छानबीन कर ली थी। जब विभाग को पता चला कि फर्जी बिल पर करोड़ों का कारोबार करने वालों का नाम-पता, आधार व पैन कार्ड तक फर्जी है, तब पुलिस की मदद ली गई।

Posted By: Inextlive