...तो मंदिर जाने पर राष्ट्रपति को उतारना पडे़गा चश्मा
स्पेशल लंगूर हुये तैयार
बंदरो के आतंक को देखते हुये प्रशासन ने राष्ट्रपति को पहले ही बता दिया है कि वह चश्मा उतार कर आएं. हालांकि, बंदरों को दूर भगाने के लिए 10 स्पेशल लंगूरों को तैनात किया जाएगा. राष्ट्रपति की सुरक्षा के लिए सेना और पुलिस के जवान तैनात रहेंगे. एसएसपी मंजिल सैनी ने बताया कि राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के आगमन से पहले पूरे रूट को पुलिस, एनएसजी, एसपीजी और सेना के हवाले कर दिया जाएगा. मंदिर प्रशासन से भी मंदिर के आस-पास लंगूर तैनात करने को कहा गया है.
पुलिस और सेना संभालेगी कमान
प्रणब मुखर्जी की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर जिले के एसएसपी ने बताया कि 15 नवंबर को पूरा परिसर पुलिस और सेना के हवाले कर दिया जाएगा. इसके लिए काफी विचार-विमर्श किया जा रहा है. वहीं, चंद्रोदय मंदिर परिसर में पांच हेलिपैड तैयार किए जा रहे हैं. इनमें से एक-एक हैलीपैड राज्यपाल राम नाइक और सीएम अखिलेश यादव के लिए होगा. वहीं, तीन हैलीपैड राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के लिए होंगे. राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी 16 नवंबर को चन्द्रोदय मंदिर के कार्यक्रम के बाद बैट्री रिक्शा से ठाकुर बांके बिहारी मंदिर पहुंचेंगे. इस दौरान बिहारी गली से गुजरने के दौरान राष्ट्रपति को बंदरों से खतरा पैदा हो सकता है, जो श्रद्धालुओं की आंखों से चश्मा उतार लेते हैं. कभी-कभी हमला भी बोल देते हैं.
VVIP हो चुके हैं शिकार
मंदिर प्रशासन का कहना है कि खाने पीने की वस्तुएं नहीं दिए जाने तक ये बंदर छीने गए चश्मे और सामान नहीं लौटाते हैं. बांके बिहारी मंदिर के सेवायत चंद्रप्रकाश गोस्वामी का कहना है कि कई बार वीवीआईपी के साथ भी बंदर शरारत कर चुके हैं. हालांकि, इस बार बंदरों को काबू में रखने के लिए लंगूर और कुछ विशेषज्ञ भी रहेंगे. मंदिर में सिर्फ राष्ट्रपति और सेवायत करीब चार-पांच गोस्वामियों को ही मंदिर के अंदर रहने की अनुमति मिली है. अन्य गोस्वामियों को मंदिर से बाहर कर दिया जाएगा.