- बौद्धिस्ट, कृष्णा, हिमालयन और नार्थ-ईस्ट सर्किट किए जाएंगे डेवलप

- राप्ती नदी तट का होगा जीर्णोद्वार, महेसरा पुल के देव स्थल और मानसरोवर मंदिर का होगा विकास

- जल निगम के अफसरों को लगाई जमकर फटकार

GORAKHPUR: गोरखपुर पर्यटन उद्योग का हब बनेगा। इससे गोरखपुर विश्व पटल पर आएगा और रोजगार के मौके भी मिलेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर्यटन के क्षेत्र लेकर काफी सक्रिय हैं। इसलिए तो केंद्र ने देश में पर्यटना को बढ़ाने के लिए 'प्रसाद' (Pilgrimage Rejuvenation and Spiritual Augmentation Drive) योजना शुरू की है। इस योजना में देश को विभिन्न सर्किट में बांट कर पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा। इसमें बौद्धिस्ट सर्किट का केंद्र गोरखपुर को बनाया जाएगा। यह बातें थर्सडे को पूवरंचल भ्रमण के दौरान गोरखपुर आए केंद्रीय राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पर्यटन एवं संस्कृति विभाग तथा राज्यमंत्री, नागरिक उड्डयन डॉ। महेश शर्मा ने कहीं। उन्होंने घोषणा की कि गोरखपुर को स्वदेश दर्शन योजना के अंतर्गत विकसित किया जाएगा। इस दौरान मंत्री डॉ। महेश शर्मा सिटी की कई अन्य जगहों का भी निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान सदर सांसद योगी आदित्यनाथ, मेयर डॉ। सत्या पांडेय, पूर्व मेयर अंजू चौधरी, उपेंद्र दत्त शुक्ल सहित कई अन्य लोग उपस्थित रहे।

गोरखनाथ मंदिर में लेजर लाइट एंड साउंड शो

गोरखनाथ मंदिर आए केंद्रीय मंत्री डॉ। महेश शर्मा ने सुबह सबसे पहले गोरखनाथ मंदिर में दर्शन किए। इस दौरान उन्होंने कहा कि पूर्वाचल में पर्यटन उद्योग को विकसित किया जाएगा। इसमें गोरखपुर प्रॉयरिटी पर है। उन्होंने आश्वासन दिया कि गोरखनाथ मंदिर में लेजर लाइट साउंड शो सिस्टम लगाया जाएगा। यहां हवाई अड्डा, रेलवे स्टेशन को और अधिक सशक्त बनाया जाएगा। राप्ती नदी तट का जीर्णोद्धार होगा। महेसरा पुल स्थित देव स्थल, मानसरोवर आदि को पर्यटक स्थल की तरह से डेवलप किया जाएगा। इस दौरान रामगढ़ताल के सौदर्यीकरण में हो रहे विलंब पर मंत्री ने जल निगम के अफसरों को जमकर फटकार लगाई।

कलाकारों को भी किया जाएगा प्रोत्साहित

डॉ। महेश शर्मा ने कहा कि पर्यटन मंत्रालय म्00 स्कॉलरशिप साल में देता है। यह स्कॉलरशिप कलाकारों को अपने लोकल कलाओं को आगे बढ़ाने के लिए दिया जाता है। स्कालरशिप के तहत क्8 से ख्भ् वर्ष की आयु के कलाकारों को भ्000, ख्म् से ब्भ् वर्ष की आयु के कलाकारों को क्0000 और ब्भ् वर्ष से ऊपर की आयु के कलाकारों को ख्भ्000 रुपये स्कॉलरशिप दी जाती है। उन्होंने कहा कि भोजपुरी को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने और इस भाषा के विलुप्त हो रहे लोककलाओं व कलाकारों के उत्थान और संरक्षित करने के लिए मंत्रालय कई योजनाएं चला रही है।

Posted By: Inextlive