Kanpur: जबरदस्त गर्मी में करीब एक महीने तक प्रत्याशियों ने जी जान एक कर दी. न दिन देखा न रात और जब जी तोड़ मेहनत का फल मिलने का टाइम करीब आया तो इंद्रदेव की दृष्टि टेढ़ी हो गई. करेले पर नीम चढ़ा तब हो गया जब सिस्टम ने भी धोखा दे दिया.


How will it be

 लचर व्यवस्था और ध्वस्त सिस्टम की वजह से थर्सडे को हुई झमाझम बारिश ने कानपुराइट्स को तो ठंडक पहुंचाई लेकिन प्रत्याशियों के दिलो की धडक़नें तेज कर दीं। काफी दिनों के इंतजार के बाद जब बादल बरसे तो पॉलिटेक्निक के स्ट्रांग रूम तक पानी जाने की पूरी संभावना दिखी। मेन बिल्डिंग की खस्ता हालत बता रही थी कि अंदर पानी बड़ी आसानी से जा सकता है। फिर क्या था जैसे ही ये खबर प्रत्याशियों के पास पहुंची, उनको अपनी किस्मत पर पानी फिरता नजर आया।भगवान भरोसे है सब


बारिश के मद्देनजर स्टेट इलेक्शन कमीशन के आदेशों की अनदेखी से थर्सडे को मेयर और पार्षद पद के प्रत्याशियों के माथे पर बल पड़ गया। पॉलीटेक्निक की जिन जर्जर बिल्डिंग्स में वोटिंग के बाद ईवीएम और बैलेट बॉक्सेज को रखा गया है, हकीकत में वो भगवान भरोसे हैं। मानसून की सुहानी दस्तक के बीच बिल्डिंग में बारिश के इंतजाम सिफर दिखाई दिए। बिल्डिंग की छत जगह-जगह टूटी है। खिड़कियों और रोशनदान के शीशे गायब हैं। ड्रेनेज पाइप टूटे पड़े हैं। इन कमियों की वजह से बारिश का पानी आसानी से स्ट्रॉन्ग रूम के अंदर पहुंचकर ईवीएम और बैलेट बॉक्सेज को अपनी जद आसानी से ले सकता है। आयोग ने जताई थी आशंका

राज्य निर्वाचन आयोग के ज्वाइंट कमिश्नर जयप्रकाश सिंह ने एडमिनिस्ट्रेशन को ईवीएम के रखरखाव संबंधी आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए थे। आदेशों की पहली फेहरिस्त में स्ट्रॉन्ग रूम को बारिश से बचाने की बात कही गई थी। स्पष्ट निर्देश दिए थे कि मतगणना से पहले बारिश हो सकती है। ऐसे में स्ट्रांग रूम्स की छत, फर्श के अलावा खिडक़ी व दरवाजों का सही ढंग से निरीक्षण कर लिया जाए। आयोग ने अंदेशा जताया था कि तेज हवा के साथ बरसात होने पर स्ट्रांग रूम में पानी भर सकता है, जिससे ईवीएम और बैलेट बॉक्सेज को नुकसान पहुंच सकता है। आदेशों की अनदेखी

जिला प्रशासन के लिए शायद आयोग के फरमान ज्यादा मायने नहीं रखते। इसीलिए स्ट्रॉन्ग रूम की सुरक्षा व्यवस्था और ईवीएम-बैलेट बॉक्सेज के रखरखाव की ज्यादा परवाह नहीं की गई। आलम यह है कि पॉलीटेक्निक की जिन बिल्डिंग्स को स्ट्रॉन्ग रूम बनाया गया है। वहां की छतों में तमाम दरारें हैं। रोशनदान खुले हुए हैं। खिड़कियों के शीशे गायब हैं। आई नेक्स्ट ने सुबह हुई रिमझिम बरसात के बाद गुरुवार को जब पॉलीटेक्निक के स्ट्रॉन्ग रूम का जायजा लिया। तो ऐसी ही चौंकाने वाली तमाम खामियां बिल्डिंग में नजर आईं। आश्चर्य की बात यह कि यह स्थिति तब है जब आयोग ने संबंधित दिशा-निर्देश 27 जून को जारी किया था। इसकी एक प्रति जिला निर्वाचन अधिकारी और सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी को भी भेजी गई थी। बढ़ गईं दिलों की धडक़नें 27 जून को मेयर-पार्षद प्रत्याशियों की किस्मत छह हजार से ज्यादा ईवीएम में कैद हो गई थी। चुनाव बाद इन मशीनों के साथ-साथ बैलेट बॉक्स को पॉलीटेक्निक की बिल्डिंग्स में बनाए गए स्ट्रांग रूम में रखवा दिया गया था। इनमें मेयर पद के 26 व 110 वार्डो के कॉरपोरेटर के 1558 प्रत्याशियों के साथ-साथ बिठूर नगर पंचायत अध्यक्ष के 8 और 10 वार्डों के लिए किस्मत आजमा रहे 39 प्रत्याशियों का भाग्य कैद है। गुरुवार को मानसून की पहली झमाझम बारिश ने एक ओर आम जनता को राहत की सौगात दी। वहीं इन  सभी 1631 प्रत्याशियों के दिलों की धडक़नें भी बढ़ा दीं। फिलहाल, आचार संहिता की वजह से कोई प्रत्याशी खुलकर बोलने को तैयार नहीं है। मगर, ज्यादातर प्रत्याशियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि उन्हें डर है कि कहीं बिल्डिंग में रखी ईवीएम और बैलेट बॉक्स कहीं प्रशासन की हीलाहवाली की भेंट न चढ़ जाएं। ,,,,,,,,,,,,,,।स्टेट इलेक्शन कमीशन का फरमान
-बरसात के मौसम को देखते हुए स्ट्रांग रूम हेतू चयनित भवन/स्थलों के फर्श, खिडक़ी, दरवाजे, छत एवं जलनिकासी के पाइपों का निरीक्षण कर लिया जाए।-इन भवन/स्थलों की छतों में कोई लीकेज आदि न हो।-छत एवं फर्श पर भारी वर्षा की स्थिति में जलभराव की समस्या उत्पन्न होने की संभावना न हो।-स्ट्रांग रूम हेतू चयनित भवनों/स्थलों  में भी तेज हवा के साथ बरसात होने की स्थिति में खिडक़ी, दरवाजे से पानी आने की संभावना न हो.  -चुनाव लडऩे वाले सभी व्यक्तियों को लिखित सूचना दी जाएगी कि यदि वे अपने किसी अधिकृत व्यक्ति को स्ट्रांग रूम की सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी हेतू रखना चाहते हैैं तो रिटर्निंग ऑफिसर से अनुमति प्राप्त कर बाहर स्ट्रांग रूम से 100 मीटर दूर खाली स्थान पर रहकर निगरानी कर सकते हैैं। प्रत्याशियों अथवा उनके द्वारा अधिकृत व्यक्तियों के लिए यथा संभव छाया, पीने के पानी व अन्य व्यवस्था उपलब्ध कराई जाए। -स्ट्रांग रूम की सुरक्षा व्यवस्था हेतू पर्याप्त संख्या में अग्निशमन यन्त्र की व्यवस्था स्ट्रांग रूम के नजदीक की जाए।-डीएम, डीआईजी, एसपी, एडीएम, एएसपी, उपजिलाधिकारी एवं क्षेत्राधिकारी स्ट्रांग रूम का समय-समय पर भ्रमण करेंगे और वहां की सुरक्षा व्यवस्था को देखेंगे।
-प्रेक्षक, जिला निर्वाचन अधिकारी, एसएसपी(डीआईजी) अथवा जिला मजिस्ट्रेट द्वारा नामित अधिकारी व प्रत्याशी अथवा उनके एजेंट स्ट्रांग रूम के निरीक्षण हेतू जाते हैैं तो आयोग द्वारा निर्धारित प्रारूप पर तैयार की गई लाग-बुक पर सुरक्षा बलों द्वारा उनका नाम, दिनांक, समय एवं अवधि अंकित की जाएगी और संबंधित के हस्ताक्षर भी लिए जाएंगे।          नगर निगममेयर के लिए कैंडीडेट- 26110 वार्डों के कॉरपोरेटर के कैंडीडेट- 1558     नगर पंचायत बिठूरअध्यक्ष के लिए प्रत्याशी- 810 वार्डों के सदस्य के लिए प्रत्याशी- 39

Posted By: Inextlive