गंगा दशहरा पर गंगा घाटों पर उमड़ेंगे श्रद्धालु

मुक्ति व भक्ति की कामना के लिए गंगा में लगाएंगे डुबकी

ALLAHABAD: गंगा दशहरा पर गंगा घाटों पर गुरुवार को भीड़ देखने को मिलेगी। इस दौरान बड़ी संख्या में लोग संगम पर डुबकी लगाने पहुंचेंगे। इसके लिए जिला प्रशासन की ओर से भी विशेष चौकसी के इंतजाम रहेंगे। जेष्ठ शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि पर पृथ्वी पर अवतरित हुई मां गंगा से भक्ति और मुक्ति की कामना के लिए प्रसिद्ध गंगा दशहरा पर स्नान, ध्यान एवं पूजन से दस प्रकार के पापों का नाश होता है।

गंगा अवतरण की कथा सुनने का है विधान

इस दौरान श्रद्धालु पांच पुष्पांजलि अर्पित करके गंगा की उत्पत्ति स्थान हिमालय एवं उन्हें पृथ्वी पर लाने वाले राजा भगीरथ का नाम मंत्र से पूजन करेंगे। पूजा में 10 प्रकार के पुष्प, दशांग धूप, 10 दीपक, 10 प्रकार के नैवेद्य, 10 तांबूल एवं 10 फल का प्राविद्यान है। दक्षिणा भी 10 ब्राह्मणों को देनी चाहिए। किंतु उन्हें दान में दिए जाने वाले जौ और तिल सोलह मुट्ठी होने चाहिए। इस दिन सत्तू का भी दान किया जाता है। इस दिन गंगा अवतरण की कथा सुनने का भी विधान है।

यह है मान्यता

हिन्दू पुराणों के अनुसार भागीरथ के पूर्वजों की अस्थियों को विसर्जित करने के लिए उन्हें बहते हुए निर्मल जल की आवश्यकता थी। जिसके लिए उन्होंने मां गंगा की कड़ी तपस्या की। जिससे मां गंगा पृथ्वी पर अवतरित हो सके। परन्तु मां गंगा का बहाव तेज होने के कारण वह उनकी इस इच्छा को पूर्ण नहीं कर पाई। उन्होंने कहा की अगर भगवान शिव मुझे अपनी जटाओं में समा कर पृथ्वी पर मेरी धारा प्रवाह कर दें तो यह संभव हो सकता है।

शिव अराधना भी की जाती है

भागीरथ ने मां गंगा के कहे अनुसार शिव जी की तपस्या की और उनसे गंगा को अपनी जटाओं में समाहित करने के लिए प्रार्थना की। जिसके बाद गंगा ब्रह्मा जी के कमंडल में समा गई और फिर ब्रह्मा जी ने शिव जी की जटाओं में गंगा को प्रवाहित कर दिया। जिसके बाद शिव ने गंगा की एक छोटी सी धारा पृथ्वी की ओर प्रवाहित कर दी। जिसके बाद भागीरथ ने अपने पूर्वजों की अस्थियों को विसर्जित कर उन्हें मुक्ति दिलाई। माना जाता है मां गंगा अपने साथ पृथ्वी पर सम्पन्नता और शुद्धता लेकर आई थी।

गंगा दशहरा के दिन संगम तट पर भव्य मंगला आरती का आयोजन प्रात: काल में किया जाएगा। इसके बाद विशाल भंडारा भी होगा। इसके लिए तैयारियां कर ली गई हैं।

भोलानाथ मिश्र, अध्यक्ष प्रधान त्रिवेणी आरती एवं जनकल्याण समिति

इस दिन अक्षयवट मार्ग पर गंगा महोत्सव के अवसर पर आरती, सामूहिक पूजन, भजन संध्या समेत कई सांस्कृतिक आयोजन होने हैं। जिसमें बड़ी संख्या में लोग शिरकत करेंगे।

प्रमोद कुमार बंसल, प्रयाग संगम आरती समिति

Posted By: Inextlive