35 साल की होने जा रही 'प्रयागराज एक्सप्रेस'
-16 जुलाई 1984 को पहली बार भरी थी रफ्तार, जल्द बढ़ाई जाएंगी सुविधाएं
prayagraj@inext.co.in PRAYAGRAJ: एनसीआर के इलाहाबाद मंडल की शान प्रयागराज एक्सप्रेस 16 जुलाई को 35 वर्ष की होने जा रही है। 35 साल में प्रयागराज एक्सप्रेस में काफी बदलाव हुए हैं। वहीं 13 सितंबर के बाद इसमें कुछ और बदलाव होंगे। इसकी तैयारी इलाहाबाद मंडल ने शुरू कर दी है। पहले लाल था रंगकुंभ नगरी प्रयागराज से नई दिल्ली के बीच चलने वाली इलाहाबाद मंडल की शान 'प्रयागराज एक्सप्रेस' की शुरुआत 16 जुलाई 1984 को की गई थी। इसका नंबर उस समय 91अप और 92 डाउन था। उस समय प्रयागराज एक्सप्रेस में आईसीएफ क्रिव कपलिंग वाले लाल रंग के कोच लगाए जाते थे। इसमें वैक्यूम ब्रेक का इस्तेमाल किया जाता था। 2003 में पुराने कोचों को बदल आईसीएफ सीबीसी वाले नीले रंग के कोच लगाए गए। इसमें वैक्यूम ब्रेक की जगह एयर ब्रेक यूज होता था।
एलएचबी कोच लगते ही अपग्रेड
18 दिसंबर 2016 को प्रयागराज एक्सप्रेस में नए एलएचबी कोच लगाए गए। कुंभ मेला के दौरान प्रयागराज एक्सप्रेस के एसी कोचों को और अपग्रेड किया गया। एसी कोच के पैसेंजर्स को मिंक ब्लैंकेट दिया जा रहा है। जल्द ही प्रयागराज एक्सप्रेस में लोकेशन डेस्टिनेशन डिस्प्ले बोर्ड लगाया जाएगा। 3 सितंबर से प्रयागराज एक्सप्रेस में फर्स्ट एसी के दो कोच, सेकेंड एसी के चार कोच, एसी-3 के तीन कोच, स्लीपर के 10 कोच होंगे।
वर्जन प्रयगाराज एक्सप्रेस इलाहाबाद की पहचान है। यह इलाहाबाद को देश की राजधानी से जोड़ती है। इसलिए इस ट्रेन को बेहतरीन सुविधाओं से लैस करने में कोई कमी नहीं छोड़ी जा रही है। जल्द ही और भी सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी। -सुनील कुमार गुप्ता, पीआरओ इलाहाबाद मंडल