प्रयागराज कुंभ 2019 : कुंभ के दौरान ठप हो गया जलमार्ग, केवल वीआईपी के लिए चल रहे पानी के जहाज
नाविकों के विरोध पर एडमिनिस्ट्रेशन ने लगाई रोक
वाराणसी से प्रयागराज के लिए नहीं शुरू हुआ जहाजbalaji.kesharwani@inext.co.inPRAYAGRAJ: केंद्र सरकार ने कुंभ मेला क्षेत्र व प्रयागराज को सड़क, रेल और हवाई मार्ग के साथ ही जलमार्ग से जोड़ने का दावा किया था। जिसके लिए काशी से प्रयागराज व प्रयागराज से काशी के लिए क्रूज के साथ ही एयरबोट चलाने का दावा किया गया था। जिसके लिए तैयारियां भी पूरी कर ली गई। कमला और कस्तूरबा जहाज प्रयागराज मंगा लिया गया। लेकिन, कुंभ मेला शुरू होने के साथ ही आम पब्लिक के लिए पानी के जहाज का संचालन ठप कर दिया गया।
वीआईपी के लिए रिजर्व हुए कमला और कस्तूरबा जहाज
अब कमला और कस्तूरबा जहाज केवल वीआईपी के लिए रिजर्व कर दिए गए हैं। प्रयागराज आने वाले मंत्रियों, अधिकारियों व अन्य वीआईपी को संगम का भ्रमण कराने के लिए ही केवल पानी का जहाज यानी कमला और कस्तूरबा क्रूज चलाया जा रहा है। जबकि कुंभ के दौरान आम पब्लिक को पानी के जहाज से सैर कराने की तैयारी की गई थी।
फेरी योजना के तहत चलने थे कई जहाज
फेरी योजना के तहत इनलैंड वाटर वे अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने सुजावन देवता, सरस्वती घाट के पास, अरैल की तरफ, किला घाट, बोट क्लब पर जेट्टी बनाए थे। किला घाट से लोगों को पानी के जहाज पर बैठाने के बाद उन्हें संगम की सैर कराने और फिर किला घाट लाकर छोड़ने की तैयारी थी। जिसके लिए किला घाट पर टिकट काउंटर भी बना दिया गया था। लेकिन कुंभ मेला शुरू होते ही टिकट काउंटर बंद कर दिया गया।
संगम में नाव चलाने वाले नाविकों के विरोध के कारण एडमिनिस्ट्रेशन ने इनलैंड वाटर वे अथॉरिटी ऑफ इंडिया को पब्लिक के लिए जहाज चलाने का परमिशन नहीं दी। मेला शुरू होने से पहले एडमिनिस्ट्रेशन ने ही 200 से 250 रुपये का टिकट तय किया था।
26 जनवरी से काशी से कुंभ के लिए एयरबोट चलाने का किया गया था दावा
इनलैंड वाटर वे अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने 26 जनवरी के दिन काशी से कुंभ के लिए एयरबोट चलाने का दावा किया था। जिसको लेकर लोगों में जबर्दस्त उत्साह था। एयरबोट को काशी से प्रयागराज के बीच में विंध्याचल सीतामढ़ी रोकने का भी प्लान बनाया गया था। लेकिन, कुंभ के दौरान अब ये एयरबोट नहीं चल पाएगा। इनलैंड वाटर वे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के अधिकारियों का कहना है कि कुछ परमिशन अभी नहीं मिली है। अब इसका संचालन जून के बाद ही संभव हो पाएगा। काशी से कुंभ नगरी तक एयरबोट से डेढ़ घंटे में पहुंचाने का दावा किया गया था।