Jamshedpur: केस क्यों करें और लड़ें. क्यों पैसा और समय बर्बाद करें. अगर बातचीत से मामले का सॉल्यूशन निकल जाए तो इससे अच्छी बात और क्या. मीडिएशन सेंटर में हर तरह के केस बड़े क्रिमिनल केसेस छोडक़र का सॉल्यूशन निकल सकता है. तो क्यों न इसका फायदा उठाया जाए. ये बातें कहीं सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस मदन बी लोकुर ने. वे सैटरडे को सिटी स्थित सिविल कोर्ट में मीडिएशन सेंटर्स के इंपॉर्टेंस पर ऑर्गेनाइज हुए सेमिनार में पार्टिसिपेट करने के बाद मीडिया से बात कर रहे थे. उन्होंने आम लोगों से अपील करते हुए कहा कि केस लड़ें नहीं उन्हें सुलझाने की कोशिश करें.


5 states में झारखंड भी शामिल जस्टिस मदन बी लोकुर ने कहा कि मीडिएशन सेंटर्स ओपेन करने करने के लिए कंट्री के 5 पायलट स्टेट्स में झारखंड भी शामिल है। इसके अलावा उड़ीसा, केरल, पंजाब और हरियाणा शामिल है। उन्होंने बताया कि इन 5 स्टेट्स में कुछ पायलट डिस्ट्रिक्ट्स में इसे ओपेन किया गया है। झारखंड में जमशेदपुर के अलावा रांची में मीडिएशन सेंटर ओपेन किया गया है। सिटी में वैसे तो पिछले 7 साल से मीडिएशन का काम हो रहा है पर प्रॉपर मीडिएशन सेंटर 3 साल पहले ओपेन किया गया है।Centres पर अच्छा काम हो रहा


जस्टिस मदन बी लोकुर ने बताया कि दिल्ली में मीडिएशन सेंटर में 50 हजार केस सॉल्व किए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि झारखंड के मीडिएशन सेंटर में अच्छा काम हो रहा है। उनके साथ रांची से आए जुडिशियल ऑफिशियल्स ने कहा कि मीडिएशन सेंटर में लगभग 27 परसेंट सिविल मामले का सॉल्यूशन निकाला जा रहा है। उन्होंने कहा कि सिर्फ 3-4 सीटिंग्स में ही केस का सॉल्यूशन निकल रहा है यह बहुत ही खुशी की बात है। जस्टिस लोकुर ने कहा कि जमशेदपुर में यह पोटेंशियल है कि मीडिएशन सेंटर में ज्यादा से ज्यादा केसेस सॉल्व कर सकता है।  दिया जाएगा pamphlet

मीडिएशन सेंटर्स के इंपॉर्टेंस को बताने के लिए एक नया इनीशिएटिव लिया जा रहा है। बातचीत के दौरान जस्टिस लोकुर ने बताया कि  किसी को सम्मन भेजते समय उसके साथ एक पेम्पलेट भी भेजा जाएगा जिसमें मीडिएशन सेंटर का डीटेल रहेगा। उन्होंने कहा कि अगर कोई केस मीडिएशन के थ्रू सॉल्व होता है तो उस व्यक्ति का कोर्ट फीस वापस कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि मीडिएशन सेंटर के बारे में उन्होंने स्टेट बार एसोसिएशन से बात की है। इसके अलावा कई लोगों को इसकी ट्रेनिंग भी दी गई है। जस्टिस लोकुर के साथ झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस डीएन पटेल, जस्टिस एनएन तिवारी और जस्टिस आरआर प्रसाद के अलावा हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जेनरल बीके गोस्वामी भी थे। जमशेदपुर सिविल कोर्ट के डिस्ट्रिक्ट जज जस्टिस अमिताभ कुमार और रजिस्ट्रार केके श्रीवास्तव भी प्रजेंट थे।---लंबे समय तक केस लडऩा और उसके पीछे पैसे खर्च करने से अच्छा है कि दोनों पार्टी में समझौता हो जाए। झारखंड के मीडिएशन सेंटर अच्छा काम कर रहे हैं। लोगों को इसके प्रति अवेयर करने में मीडिया का बहुत इंपॉर्टेंट रोल होगा।- जस्टिस मदन बी लोकुर, सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया

Report by : amit.choudhary@inext.co.in

Posted By: Inextlive