DEHRADUN : डरी सहमी इस महिला को जब महिला दून हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया तो डॉक्टर भी उसकी हालत देखकर हैरान रह गए. ट्रीटमेंट में लगी डॉक्टर्स के मुताबिक महिला मानसिक तौर पर कमजोर प्रतीत हो रही है. नग्न हालत में हॉस्पिटल लाई गई महिला लगभग आठ माह की गर्भवती है. फ्राइडे उसे समाधान सामाजिक संस्था की दो सदस्यों ने राजपुर रोड पर दर्द से तड़पते हुए देखा. जिसके बाद महिला को इमरजेंसी सेवा के जरिए हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया. करीब तीस वर्ष की इस महिला को डॉक्टर अभी 24 घंटे अंडर ऑबजर्वेशन रखेंगे.


रोड किनारे पड़ी थी महिलाफ्राईडे को सुबह करीबन 11 बजकर 20 मिनट पर समाधान केंद्र की नंदिनी और पुष्पा जाखन की ओर जा रही थीं। अचानक उनकी नजर दर्द से बिलखती और नग्न अवस्था में सड़क किनारे पड़ी एक महिला पर पड़ी। उन्होंने तुरंत समाधान हेल्पलाईन में फोन करके अपनी साथी को एक जोड़ी कपड़े साथ लेकर आने को कहा। साथ ही 108 पर कॉल करके मौके पर एंबुलेंस को बुलाया गया। एनजीओ की सीमा चौधरी बताती हैं कि जब वह वहां पहुंची तो महिला पेन से तड़प रही थी। उसे तुरंत कपड़े पहनाए गए। इसके बाद उसे एंबुलेंस से दून महिला हॉस्पिटल में एडमिट करवाया गया। डॉक्टर्स को करनी पड़ी मशक्कत
प्रेग्नेंट होने के कारण महिला को लेबर रूम ले जाया गया। पीडि़ता इस कदर डरी हुई थी कि जैसे ही डॉक्टर उसकी जांच के लिए आगे बढ़े, वह चीखने चिल्लाने लगी। इंजेक्शन को देखकर जोर-जोर से रोना भी शुरू कर दिया। वह लेबर रूम में मौजूद डॉक्टर और नर्स से मिन्नत करने लगी, लेकिन उसका इलाज भी जरूरी था। डा। निधि रावत की माने तो महिला को अभी 24 आवर्स अंडर आबजर्वेशन रखना होगा ताकि, उसकी कंडीशन स्टेबल हो सके। इसके साथ ही उसके सिर व मुंह में कीड़े भी पड़ चुके हैं जिसका इलाज अलग से शुरू कर दिया गया है।इसलिए कपड़े नहीं पहनतीपीडि़ता को अस्पताल लेकर आने वाली संस्था की नंदिनी बताती हंै कि जब महिला से पूछा गया कि उसने कपड़े क्यों नहीं पहने हैं, तो वह कहती है कि आदमी लोग बार-बार उसके कपड़े फाड़ देते हैं, इसलिए उसने कपड़े पहनने छोड़ दिए हैं। शर्मनाक तथ्य ये है कि महिला को कई लोगों ने घंटाघर से लेकर राजपुर तक नग्नावस्था में घूमते देखा लेकिन, किसी ने भी जहमत नहीं उठाई कि उसे हॉस्पिटल या फिर किसी सुरक्षित स्थान पर ले जाया जाए जिससे उसकी देखभाल हो सके।पुलिस दे रही सुरक्षा  संस्था की सदस्यों द्वारा इमरजेंसी सेवा को मौके पर बुलाने के साथ ही राजपुर पुलिस को भी सूचना दी गई। जिसके बाद एक लेडी कांस्टेबल पूरे दिन महिला के साथ मौजूद रही। एसपी सिटी डा। जगदीश चंद्र ने बताया पूरे घटनाक्रम की जानकारी मजिस्ट्रेट को भी दे दी गई है। अब प्रशासन को तय करना है लेडी की स्थिति स्टेबल होने के बाद उसे कहां रखा जाएगा। इसके अलावा रात के समय भी महिला दून हॉस्पिटल मे एक कांस्टेबल तैनात रहेगी। जब तक वह हॉस्पिटल में भर्ती है तब तक पुलिस उसे सुरक्षा देती रहेगी।


पेशेंट काफी वायलेंट हो रही है। उनकी फस्र्ट प्रायोरिटी पेशेंट को शांत करना है। ताकि उसका ट्रीटमेंट किया जा सके। -डॉ.अर्चना श्रीवास्तव, सीएमएस, दून महिला हॉस्पिटलइंजेक्शन देखते ही पेशेंट काफी अग्रेसिव हो गई। वह इतनी डरी हुई है कि खुद को हाथ भी नहीं लगाने दे रही है। इस कारण उसकी जांच करने में दिक्कत आ रही है। वैसे पीडि़ता  7-8 महीने की गर्भवती लग रही है, लेकिन अल्ट्रासाउंड करने और सैंपल लेने के बाद ही सही जानकारी मिल सकेगी। काफी मशक्कत के बाद पेशेंट को बेहोशी का इंजेक्शन लगाया जा सका। -डॉ। निधि रावत, दून महिला हॉस्पिटल महिला की सुरक्षा के लिए लेडी कांस्टेबल हॉस्पिटल में तैनात कर दिया गया है। अगर पुलिस के पास किसी तरह की कंप्लेन आती है तो मुकदमा दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।-डा। जगदीश चंद्र, एसपी सिटी दून

Posted By: Inextlive