- बिजली विभाग के स्टोर में मार्च 2018 में ही गए थे प्रीपेड बिजली मीटर

- अप्रैल 2018 से सरकारी आवासों और कार्यालय पर लगाए जाने का होना था काम

BAREILLY:

बिजली विभाग की लापरवाही के कारण 4 महीने बाद भी प्रीपेड बिजली मीटर नहीं लग सका है। जबकि, सरकारी आवासों और कार्यालय में लगाए जाने के लिए मार्च 2018 में ही एक हजार नए प्रीपेड बिजली मीटर विभाग के स्टोर में आ गए थे, जिसे अप्रैल से लगाए जाने का काम होना था। लेकिन इतने दिनों बाद भी अधिकारी यह डिसाइड नहीं कर सके कि प्रीपेड मीटर के टैरिफ रिचार्ज की जिम्मेदारी किस कम्पनी को सौंपी जाए। लिहाजा, स्टोर में आए मीटर धूल फांक रहे हैं।

अधिकारी नही कर सके कंपनी फाइनल

बिजली की चोरी रोकने के लिए प्रीपेड बिजली मीटर लगाए जाने का काम होना था। चूंकि, सरकारी विभागों द्वारा समय पर बिजली बिल का भुगतान नहीं होता है, ऐसे में सबसे पहले सरकारी आवास और कार्यालय पर प्रीपेड बिजली मीटर लगाने का काम होना था। उसके बाद ठेला, खोमचे संचालकों को ये मीटर दिए जाने थे। फिर डोमेस्टिक कंज्यूमर्स के यहां मीटर लगने थे। लेकिन अभी तक टैरिफ रिचार्ज करने वाली कंपनी का फैसला नहीं हो सका है। जबकि, लखनऊ में सिक्योर कंपनी को इस काम की जिम्मेदारी सौंपी जा चुकी है। लेकिन बरेली में इसका फैसला अधिकारी नहीं कर पा रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि मीटर लगने से पहले टैरिफ रिचार्ज सेंटर खोले जाने का काम होगा। ताकि, कंज्यूमर्स अपने स्थानीय सेंटर पर जाकर रिचार्ज करा सके।

एक एड्रेस पर ले सकते है दूसरा कनेक्शन

प्रीपेड बिजली मीटर का एक फायदा यह है कि विवादित मकान में भी इसे लगाया जा सकता है। जिन घरों में पहले से बिजली मीटर लगे हैं, और उसी एड्रेस पर कोई दूसरा बिजली कनेक्शन लेना चाहता है तो भी कोई दिक्कत नहीं है। किराएदार भी अलग से बिजली कनेक्शन आसानी से ले सकते हैं। क्योंकि, इस नए मीटर में पहले रिचार्ज कराने और फिर बिजली का इस्तेमाल करने का ऑप्शन है। ऐसे में बिजली कनेक्शन लेने की कोई बाध्यता नहीं है। मीटर में डिश कनेक्शन का सिस्टम होता है। रिचार्ज की राशि में सौ रुपये लगभग 20-25 यूनिट बचने पर मीटर अलर्ट जारी करेगा। इस दौरान दो मिनट तक बीप-बीप की आवाज आएगी। नीचे की तरफ मीटर रिचार्ज करने के लिए बटन बना होता है। इसके पास ही दस तक अंक लिखे होंगे। रिचार्ज कूपन 20 अंकों का होगा। इन अंकों को दबाने पर मीटर रिचार्ज हो जाएगा। मीटर में टैरिफ का सिस्टम होगा। राशि खत्म होने पर अपने आप बिजली कट जाएगी।

बिजली कंज्यूमर्स को फायदा

- 24 घंटे बिजली मिल सकेगी।

- अनाप-शनाप बिल संशोधन के लिए दौड़भाग नहीं।

- बिजली चोरी के नाम पर होने वाली चेकिंग से मुक्ति।

- विवादित भवनों में तुरंत कनेक्शन मिलने लगेगा।

- बिल सही करने के नाम पर अवैध वसूली नहीं होगी।

बिजली विभाग को फायदा

- हर महीने घर-घर जाकर बिलिंग करने से छुटकारा।

- ऑफिस और बिजलीघरों पर लगने वाली भीड़ होगी खत्म।

- बकाया नहीं होने पर बिजली कनेक्शन काटने का झंझट नहीं।

- अपने ऊपर लगने वाले झूठे आरोपों से बचा रहेगा।

- बिल का एडवांस भुगतान से होने से इंफ्रास्ट्रक्चर होगा मजबूत।

प्रीपेड बिजली मीटर तो बहुत पहले ही आ चुके हैं। लेकिन उसे रिचार्ज करने की कंपनी कौन होगी यह डिसाइड नहीं हो सका है। जिस वजह से नया मीटर लगाने का काम नहीं हो पा रहा है।

एनके मिश्रा, एसई, बिजली विभाग

Posted By: Inextlive