सर्र्जस की 'सर्जरी' की तैयारी
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-सिजेरियन में पिछड़ गए हैं डॉक्टर्स, डीएम ने दिया नोटिस थमाने का निर्देश -बीस फीसदी से भी कम है सर्जरी की संख्या, मजबूरी में प्राइवेट हॉस्पिटल्स की ले रहे शरण vineet.tiwari@inext.co.in ALLAHABAD: सरकारी सुविधाएं होने के बावजूद लोगों को सिजेरियन के लिए प्राइवेट हॉस्पिटल्स की शरण लेनी पड़ती है। सरकारी हॉस्पिटल्स में उनको पूरी सहूलियत नहीं मिल रही है। गवाह सरकारी आंकड़े हैं, जिनमें सिजेरियन की घटती संख्या हकीकत बयां कर रही है। पिछले वित्तीय वर्ष में तय लक्ष्य का बीस फीसदी भी सिजेरियन नहीं किया जा सका। जिला प्रशासन ने नाराजगी जताते हुए कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है। बढ़ रही नर्सिग होम्स में भीड़स्वास्थ्य विभाग मानता है कि हर साल जिले में करीब दो लाख डिलीवरी होती है। इनमें से दस फीसदी सिजेरियन मामले में होते हैं। इनको करने के लिए जिले में नौ एफआरयू (फर्स्ट रेफरल यूनिट) बनाई गई हैं। यहां ऑपरेशन के जरिए प्रसव की सुविधा है। लेकिन, यहां पिछले दो साल में आठ हजार भी सिजेरियन नहीं किए जा सके।
परफॉर्मेस पर एक नजर एफआरयू 2016-17 2017-18डफरिन 1786 1553
कमला नेहरू हॉस्पिटल 1135 1109 एसआरएन हॉस्पिटल 670 742 फूलपुर 30 95 करछना 34 83 जसरा 43 74 सोरांव 65 42 हंडिया 24 28कौडि़हार शून्य 14
इस साल भी सुधार नहीं एफआरयू में इस साल भी सीजेरियन में सुधार नहीं दिख रहा है। मौजूदा वित्तीय वर्ष में अप्रैल से जून के बीच कुल मिलाकर 771 सीजेरियन किए गए हैं। इनमें से फूलपुर और कौडि़हार में 5-5 सीजेरियन किए गए हैं। वहीं हंडिया में 4 और सोरांव में यह संख्या महज 2 है। बताया गया कि कौडि़हार में रेगुलर गायनी डॉक्टर की नियुक्ति नहीं है और हंडिया की डॉक्टर ने वालंटियरी रिटायरमेंट ले लिया है। यहां ऑन कॉल सीजर कराए जा रहे हैं। डीएम ने जताई नाराजगी, संख्या बढ़ाने की हिदायत पिछले हुई स्वास्थ्य विभाग की बैठक में एफआरयू सेंटर्स की खराब परफॉर्मेस पर डीएम सुहास एलवाई ने नाराजगी जताई थी। उन्होंने कहा था कि प्रत्येक डॉक्टर महीने में कम से कम पांच सिजेरियन तो निश्चित करें। उन्होंने यह भी कहा कि अगर सुधार नहीं होता है तो संबंधित गायनी डॉक्टर और यूनिट अधीक्षक को नोटिस दी जाए। उन्होंने सरकारी सिस्टम में सिजेरियन भली प्रकार से नहीं होने पर अफसोस भी जताया।सीजर महिला की सिचुएशन को देखकर किए जाएंगे। हालांकि प्रशासन सख्त हो चला है। सरकारी यूनिटों में अधिक से अधिक सीजेरियन किए जाने के आदेश दिए गए हैं। इससे प्राइवेट हॉस्पिटल्स की जगह महिलाओं को सरकारी हॉस्पिटल में बेहतर सुविधाएं दी जा सकें।
-वीके सिंह, डीपीएम, एनएचएम इलाहाबाद