संतों के फैसले से पहले तय होंगे सियासी समीकरण

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कुंभ मेले में होन वाली धर्मसंसद की तैयारियों जोर शोर से चल रही हैं। शनिवार को विश्व हिंदू परिषद का दो दिवसीय कार्यकर्ता सम्मलेन समाप्त हो गया। सूत्रों की माने तो आयोजन से पहले वीएचपी और आरएसएस एक मंच पर आकर रणनीति बना सकती हैं। धर्मसंसद में राम मंदिर निर्माण का मुद्दा अहम भूमिका निभाने वाला है।

हो सकती है क्लोज डोर बैठक

31 जनवरी और 1 फरवरी को धर्मसंसद का आयोजन होने जा रहा है। इसमें देशभर के संत विभिन्न मुददों पर अपनी राय रखेंगे। सबसे अहम मामला राम मंदिर निर्माण का होगा। केंद्र सरकार द्वारा पांच साल बीतने के बाद भी मंदिर निर्माण का वादा पूरा नही होने पर संतों में नाराजगी है। ऐसे में वीएचपी और आरएसएस के बीच साझा रणनीति तैयार हो सकती है। सोर्सेज की मानें तो एक दिन पहले दोनों के बीच क्लोज डोर बैठक होगी। बता दें कि धर्म संसद कई मायनों में महत्वपूर्ण है। इससे 2019 में होने वाले चुनाव की दशा और दिशा भी तय होगी।

2025 से पहले पूरा हो जाएगा निर्माण

शनिवार को विहिप के शिविर में पधारे संगठन के कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि 2025 से पहले अयोध्या में मंदिर निर्माण पूरा हो जाएगा। मंदिर के गुंबद पर ध्वज पताका लहराएगी। मंदिर निर्माण कब शुरू होना है इसके लिए धर्म संसद में संत महात्मा फैसला लेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसा लगता नहीं कि भाजपा इस मामले पर अध्यादेश लाएगी। उन्होंने राहुल गांधी पर भी तंज कसा। कहा कि जनेऊ पहनने और मठ मंदिरों में दर्शन करने से कोई हिंदू हितैषी नही बन जाता। मंदिर निर्माण में अब तक कांगे्रस ने ही रोडे अटकाए हैं। बता दें कि धर्मसंसद में उप्र के सीएम योगी आदित्यनाथ बतौर संत इसमें मौजूद रहेंगे। इसके अलावा तमाम अखाडों के प्रमुख और महामंडलेश्वर, पीठाधीश्वर, महात्मा, महंत, मंडलेश्वर भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे।

Posted By: Inextlive