केवल पीपा पुल बनाने में नहीं बल्कि गंगा की कटान माघ मेले की प्रत्येक तैयारी को प्रभावित कर रही है। मेला एरिया में कटान के चलते जमीन का नक्शा परिवर्तित हो गया है जिसकी वजह से इस बार कल्पवासियों तक शुद्ध पेयजल पहुंचाना मेला प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बनता जा रहा है। जमीन के समतलीकरण का कार्य बाधित होने से जलापूर्ति के लिए पाइप लाइन डालना मुश्किल हो गया है। पाइप लाइन लीकेज से दूषित पानी की सप्लाई की संभावना भी बन गई है। इस बार भी माघ मेले में 130 किमी लंबी पानी की पाइप लाइन जल निगम को डालनी है। जिसका काम शुरू जरूर हो चुका है लेकिन गंगा की कटान के चलते बार-बार परेशानियां सामने आ रही हैं।

Posted By: Inextlive