-दो साल में शहर के मुख्य केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरे की व्यवस्था नहीं बना सके पुलिस-प्रशासन के अधिकारी

-राष्ट्रपति के जाते ही कुछ घंटों में सीसीटीवी कैमरे खोल ले गए अधिकारी

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शहर में हर हफ्ते वीआईपी मूवमेंट के बावजूद सीसीटीवी सर्विलांस का इंतजाम नहीं हो सका। करीब दो साल बाद भी सड़कों से लेकर मोहल्लों तक की सुरक्षा जुगाड़ के कैमरों से चल रही है। अति विशिष्ट व्यक्तियों के आगमन पर किराए पर कैमरे लेकर पुलिस-प्रशासन अपनी जिम्मेदारी निभा रहा। जबकि, वीआईपी मूवमेंट को देखते हुए पूरे शहर को सर्विलांस पर लेना जरूरी होता है। सोमवार को जैसे ही राष्ट्रपति एयरपोर्ट पहुंचे। वैसे ही सड़कों पर लगे कैमरों को ठेकेदार उठा ले गए। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि सीसीटीवी कैमरों के इंतजाम के लिए काम किया जा रहा है। उम्मीद है कि अगले साल पूरा शहर सीसीटीवी कैमरों की जद में आ जाएगा।

हर चौराहे पर लगे थे सीसीटीवी कैमरे

सोमवार को महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के संस्थापक समारोह बतौर मुख्य अतिथि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद शामिल हुए। उनके साथ राज्यपाल राम नाईक और सीएम महंत योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे। करीब 18 घंटे तक महामहिम के शहर प्रवास के लिए सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए गए थे। एयरपोर्ट से लेकर सर्किट हाउस और गोरखनाथ मंदिर तक सीसीटीवी सर्विलांस की व्यवस्था की गई। इस रूट पर कैमरों की नजर से निगहबानी के लिए पुलिस कर्मचारियों की तैनाती थी। एयरपोर्ट से लेकर गोरखनाथ मंदिर तक करीब-करीब हर चौराहे पर सीसीटीवी लगाया गया। लंबे रूट पर सड़क के बीचों-बीच भी कैमरे इंस्टाल किए गए। सोमवार को राष्ट्रपति के एयरपोर्ट जाते ही सीसीटीवी कैमरों को हटा लिया गया। जबकि राज्यपाल दोपहर में रवाना हुए। देर शाम को सीएम की फ्लीट चौराहों से गुजरी।

किराए पर किया इंतजाम, 26 से अधिक कैमरे

वीवीआईपी मूवमेंट को देखते हुए किराए पर कैमरे लिए गए थे। पुलिस के पास कोई इंतजाम न होने से हर बार वीवीआईपी प्रोग्राम में सीसीटीवी कैमरे किराए पर लिए जाते हैं। इलेक्ट्रानिक सर्विलांस को लेकर शहर के पुलिस अफसर गंभीरता नहीं दिखा रहे। जबकि, हर माह सीएम योगी आदित्यनाथ का आवागमन होता है। किसी-किसी महीने में दो से तीन बार सीएम गोरखपुर आते हैं।

आपरेशन त्रिनेत्र , लगा लो कैमरे

शहर के प्रमुख 24 चौराहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए पुलिस अधिकारी पब्लिक से सहयोग मांग रहे हैं। त्रिनेत्र योजना के तहत कैमरे लगाने की बात चल रही है। शहर के प्रमुख स्थानों पर कैमरे लगाने से पुलिस को भी क्राइम कंट्रोल में मदद मिल सकेगी। चार साल पहले बनी योजना में शहर के 45 स्थानों के 151 प्वाइंट्स पर कैमरे लगने थे। इस योजना में पांच मेगा फिक्सल के नाइट विजन कैमरे की तैयारी थी। रेलवे नेटवर्क की तरह 70 किमी तक देखने वाले कैमरे सीधे अफसरों के ऑफिस, बंगले से जुड़े रहते। इस योजना के फेल पर होने पर सिटी सर्विलांस के तहत 12 जिलों के हर शहर में 2604 फिक्स्ड कैमरे, 532 पीटीजेड कैमरे, 639 एनपीआर कैमरे, 576पीए सिस्टम, 84 इमरजेंसी काल बॉक्स और 210 वीडियो एनालिटिक्स लगाए जाने थे। पुलिस की पहल पर शहर के बिजनेसमैन कैमरों का इंतजाम करने में जुटे हैं।

वर्जन

शहर की सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। पब्लिक की सहयोग शहर में सीसीटीवी लग रहे हैं। इस योजना को पूरा कराने के लिए शासन से बजट मांगा जाएगा।

विनय कुमार सिंह, एसपी सिटी

Posted By: Inextlive