- प्राइमरी स्कूलों में लागू किया जाएगा यह नया तरीका

- नए शैक्षिक सत्र से इसे पूरे प्रदेश में लागू करने की तैयारी चल रही

LUCKNOW: नए शैक्षिक सत्र से बेसिक शिक्षा परिषद के सभी प्राइमरी व अपर प्राइमरीस्कूलों में पढ़ाई के साथ-साथ बच्चों के व्यक्ति्व के विकास पर जोर दिया जाएगा। इसके लिए प्राइमरी स्कूलों में बच्चों का सतत एवं व्यापक मूल्यांकन (सीसीई) शुरू करने की तैयारी है। हर तीन मंथ में उनके मूल्यांकन के आधार पर ग्रेड देने पर भी विचार किया जा रहा है।

पांच सिटी किए गए थे सेलेक्ट

स्टेट में राइट टू एजूकेशन एक्ट ख्7 जुलाई ख्0क्क् को लागू किया गया था। इसमें बच्चों के मूल्यांकन पर खास जोर दिया गया है। इस व्यवस्था के बाद सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत स्टेट के पांच जिलों में पायलेट प्रोजेक्ट के तहत सीसीई लागू किया गया था। इस व्यवस्था में भी नगर और ग्रामीण क्षेत्र के एक-एक प्राइमरी व जूनियर स्कूल को लिया गया। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) के एक अधिकारी बताते हैं कि सीसीई लागू करने का उद्देश्य बच्चों के अंदर की कमी को दूर करके उनके व्यक्तित्व और क्षमता का विकास करना है। इसके लिए हर तीन में बच्चे का मूल्यांकन करना जरूरी है। विभागीय जानकारों की मानें तो पायलेट प्रोजेक्ट की सफलता के बाद ख्0क्ख्-क्फ् में पूर्व में चयनित पांच जिलों के सभी प्राइमरी स्कूलों में सीसीई लागू कर दिया गया था। अब नए शैक्षिक सत्र से इसे पूरे प्रदेश में लागू करने की तैयारी चल रही है।

मॉडयूल में करना होगा चेंज

अभी तक जिन जिलों में सीसीई लागू है वहां पर मूल्यांकन के बाद बच्चों को ग्रेडिंग नहीं दी जाती है। लेकिन, प्रदेश के सभी जिलों में इसे लागू करने के लिए विचार किया जा रहा है कि बच्चों को ग्रेडिंग दी जाए, जिससे उनमें उत्साह बना रहे। एससीईआरटी इस दिशा में तेजी से काम कर रहा है। जानकारों की मानें तो मॉडयूल में परिवर्तन के लिए एससीईआरटी एनसीईआरटी, एडसिल व एमएसआरडी का टेक्निकल सपोर्ट लेगा।

पढ़ाई के साथ हर पहलू पर नजर

बच्चे को पढ़ाई के साथ-साथ किस खेल में रुचि है या फिर वह कला संगीत के क्षेत्र में कुछ करने की क्षमता रखता है। सीसीई के तहत इस पर भी विशेष ध्यान रखा जाएगा। बच्चों को बाकायदा प्रोजेक्ट वर्क भी दिया जाएगा जिसे उन्हें बनाना होगा। इन सबके आधार पर ग्रेडिंग दी जाएगी। वहीं शिक्षकों को ट्रेनिंग देकर पढ़ाई के तौर-तरीके भी सिखाए जाएंगे। हर महीने अभिभावकों को बुलाकर बच्चों की हकीकत से भी अवगत कराया जाएगा।

Posted By: Inextlive