प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन दिनों दो दिवसीय नेपाल यात्रा पर हैं। वहां वे रामायण सर्किट टूरिस्ट योजना से जुड़ी कोई ठोस पहल पर चर्चा कर सकते हैं। आईये जानें क्या है रामायण सर्किट।


नेपाल दौरे पर पीएमजनकपुर (प्रेट्र)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय नेपाल यात्रा पर पहुंच गए हैं। इस दौरान दोनों देशों के प्रधानमंत्री अन्य मुद्दों के अलावा 'रामायण सर्किट' को बेहतर पर्यटक स्थल बनाने और उनके विकास करने पर भी चर्चा करेंगे. बता दें कि रामायण सर्किट भारत सरकार के अंतर्गत आने वाली मिनिस्ट्री ऑफ टूरिज्म की एक परियोजना है।ऐसे 15 महत्वपूर्ण धार्मिक शामिल


'रामायण सर्किट' परियोजना में भारत के ऐसे 15 महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों को शामिल किया गया है, जहां से प्रभु राम वनवास के दौरान होकर श्रीलंका गए थे और अब इन स्थलों को पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जाएगा। मिनिस्ट्री ऑफ टूरिज्म की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत सरकार ने सिर्फ उत्तर प्रदेश में स्थित अयोध्या, ऋंगवेरपुर और चित्रकूट को जोड़ने और रामायण सर्किट के रूप में विकसित करने के लिए 223.94 करोड़ का बजट पास किया है। जानकरी के मुताबिक कुल बजट में से अयोध्या के विकास कार्य के लिए 151.12 करोड़ दिए जायेंगे। इसके बाद ऋंगवेरपुर (इलाहबाद) को 17.15 करोड़, जबकि चित्रकूट को 45 करोड़ रुपए की धनराशि मिलेगी।ये हैं शहर

बजट की इस रकम से सरकार घाट-मंदिरों और पर्यटन स्थलों को ज्यादा आधुनिक बनाएगी। यह धन रामायण सर्किट के निर्माण के फेज-1 की अनुमानित लागत है। 'रामायण सर्किट' परियोजना के तहत आने वाले भारतीय शहरो में उत्तर प्रदेश (अयोध्या, श्रृंगवेरपुर, चित्रकूट), बिहार (सीतामढ़ी, बक्सर, दरभंगा), वेस्ट बंगाल (नंदीग्राम), ओडिसा (महेंद्रगिरी), छतीसगढ़ (जगदलपुर), तेलांगना (भद्राचलम), तमिलनाडु (रामेश्वरम), कर्नाटक (हंपी), महाराष्ट्र (नासिक, नागपुर), मध्य प्रदेश (चित्रकूट) के शहर शामिल हैं। बता दें कि इन सभी स्थलों पर श्रद्धालुओं को  पहुंचने और स्वस्थ रहने में किसी प्रकार की दिक्कत ना हो, इसपर ध्यान दिया जायेगा।

Posted By: Mukul Kumar