-कांग्रेस पर हमलावर हुए प्रधानमंत्री मोदी, संवैधानिक संस्थाओं को बर्बाद करने का लगाया आरोप

-भाषण में दिखी राफेल मामले की टीस, कोर्ट से क्लीन चिट मिलने का दिखा प्रभाव

-आधे घंटे से ज्यादा के भाषण में सिर्फ एक बार लिया श्रीराम का नाम

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PRAYAGRAJ: राफेल सौदे में सुप्रीम कोर्ट की क्लीन चिट मिलने पर आखिरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल का दर्द जाहिर कर दिया। उन्होंने अंदावा के मंच से कांग्रेस पर जोरदार हमला किया। कांग्रेस पर न्यायपालिका पर अपने फायदे के लिए दबाव बनाने का गंभीर आरोप लगाया। हालांकि, दस मिनट तक कांग्रेस को कोसने के बाद भी उनके जुबां से 'राफेल' शब्द नहीं निकला। हालांकि पीएम मोदी ने आधे घंटे के भाषण में सिर्फ एक बार श्रीराम का नाम लिया। इससे पहले उन्होंने संगम पर आरती और पूजा में भी हिस्सा लिया।

जो नहीं दबता, उसे तोड़ दिया जाता है

मोदी ने साफ तौर पर कहा कि कंाग्रेस को न्याय और लोकतंत्र पसंद नहीं है। उन्हें अपने फायदे के लिए संस्कृति याद आती है। ऐसे कई मामले आए हैं जब कांग्रेस ने न्यायपालिका पर दबाव बनाने की कोशिश की है। जो नहीं दबता उसे तोड़ दिया जाता है। युवाओं को ऐसे दल से सतर्क और सावधान रहना चाहिए। प्रधानमंत्री ने अपनी बात को साबित करने के लिए कई उदाहरण भी पेश किए।

उदाहरण-1 केशवानंद भारती के महत्वपूर्ण केस में जजों ने दबाव में आने से इंकार किया तो कांग्रेस ने सीनियर मोस्ट जज को चीफ जस्टिस बनाने की जगह जूनियर को यह पद दे दिया।

उदाहरण-2

दूसरा उदाहरण आपातकाल में जस्टिस खन्ना का दिया। दबाव में नहीं आने पर कांग्रेस ने उनके वरिष्ठता क्रम को भी प्रभावित करने का काम किया।

उदाहरण-3

तीसरे उदाहरण में कहा कि एक केस में सुनवाई के दौरान कांग्रेस के एक नेता ने जज को कहा कि क्या आप नहीं चाहते कि आपकी पत्नी करवाचौथ मनाए।

प्रयाग को बताया न्याय का मंदिर

प्रधानमंत्री ने प्रयागराज को यूपी में न्याय का मंदिर बताया। कहा कि कुछ समय से न्याय में दबाव का खेल शुरू हो चुका है। जब प्रयागराज ने कांग्रेस को मनमानी पर सत्ता से बाहर कर दिया तो उन्होंने आपातकाल मढ़ दिया। संविधान में परिवर्तन कर कोर्ट को चुनाव याचिका पर सुनवाई से रोक दिया। यह शहर कांग्रेस को भली प्रकार से जानता है। कांग्रेस अपने स्वाथ के लिए छल-बल का प्रयोग करने से नहीं चूकती।

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तनाव में बोल गए अ‌र्द्धकुंभ

-एक घंटे दो मिनट तक मंच पर मोदी जरूर रहे लेकिन पुराने रंग में नहीं दिखे। चेहरे पर अजीब सा तनाव था।

-अपने भाषण में भी वह कुंभ की जगह अ‌र्ध्दकुंभ बोलते रहे।

-दो दिन पहले ही राफेल पर क्लीन चिट मिली थी। लेकिन फिर भी रविवार को अपने भाषण में उन्होंने एक बार भी राफेल शब्द का इस्तेमाल नहीं किया।

-राहुल गांधी के सुप्रीमकोर्ट के फैसले के जवाब में जेपीसी की मांग किए जाने की टीस जरूर मोदी ने अपने भाषण में निकाली लेकिन वह अधूरी ही रही।

Posted By: Inextlive