विशाखापत्तनम में चक्रवाती तूफान हुदहुद ने अपने पीछे तबाही का मंजर छोड़ा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यहां तूफान से पैदा हुई स्थिति का जायजा लेने आज विशाखापत्तनम पहुंचेंगे. गौरतलब है कि तूफान में यहां 21 लोगों की जान चली गई. इतना ही नहीं यह तटीय आंध्र प्रदेश में अपने पीछे भारी तबाही के निशान छोड़ गया है.

PM से राष्ट्रीय आपदा घोषित करने का आग्रह
आंध्र प्रदेश सरकार के सलाहकार (संचार) परकला प्रभाकर के अनुसार मोदी आज विशाखापत्तनम का दौरा करेंगे और दोपहर बाद शहर का हवाई सर्वेक्षण भी करेंगे. राहत अभियान पर नजर रखने के लिए बंदरगाह शहर में पहले से ही डेरा डाले मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू की ओर से भारी तबाही के बारे में प्रधानमंत्री को अवगत कराए जाने की उम्मीद है. नायडू ने केंद्र से आग्रह किया है कि वह भीषण चक्रवाती तूफान से हुए नुकसान को राष्ट्रीय आपदा के रूप में माने. आंध्र प्रदेश के आपदा प्रबंधन विभाग ने आज सुबह एक बयान में कहा कि चक्रवात से मरने वालों की संख्या 21 हो गई है. प्रभाकर ने कल कहा था कि अधिकतर मौतें लोगों के ऊपर पेड़ गिरने की घटनाओं में हुईं.
मुश्किलों से जूझ रहे हैं लोग
विभाग ने बताया कि 1.35 लाख लोग राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं और 5,62,000 लोगों को भोजन मुहैया कराया जा रहा है. देश के पूर्वी तटीय क्षेत्र में बसे खूबसूरत शहर विशाखापत्तनम में हर ओर तबाही के निशान नजर आते हैं. इस बड़े औद्योगिक, शैक्षिक और पर्यटन केंद्र के निवासियों को चक्रवात में विद्युत एवं संचार प्रणाली नष्ट हो जाने से भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. बहुत से लोगों ने दूध, भोजन और पेट्रोल जैसी अत्यावश्यक चीजों की किल्लत की शिकायत की. स्थिति का लाभ उठकार कुछ व्यापारी अत्यावश्यक चीजों को काफी उंचे दामों पर बेच रहे हैं.
राहत अभियान युद्धस्तर पर शुरू
सोमवार को कुछ सर्वाधिक प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने नायडू एक पेट्रोल पंप पहुंचे और लोगों की समस्याओं के बारे में जाना. राज्य सरकार ने राष्ट्रीय आपदा बल (एनडीआरएफ) और सेना की मदद से युद्धस्तर पर राहत अभियान शुरू कराया और मलबा हटाकर कुछ बड़े मार्गों को वाहनों के आवागमन के लिए खोला. उत्तर तटीय आंध्र में विशाखापत्तनम के अतिरिक्त श्रीकाकुलम, विजियानगरम और पूर्वी गोदावरी जिलों में भी काफी नुकसान हुआ है. गत रविवार को चक्रवात जब टकराया और तट को पार किया तो 170-180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चली भीषण हवाओं से पेड़ और बिजली के खंभे उखड़ गए तथा समूचे शहर में कच्चे मकानों की छतें उड़ गईं.

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Posted By: Ruchi D Sharma