डेब्यू मैच में शतक ठोंकने वाले पृथ्वी शॉ की यह है कमजोरी, जानिए किसने पकड़ी
राजकोट (पीटीआई)। वेस्टइंडीज के खिलाफ डेब्यू टेस्ट में शतक लगाकर 18 साल के युवा भारतीय बल्लेबाज पृथ्वी शॉ से सभी को काफी उम्मीदें हो गईं। शॉ काफी टैलेंटेड खिलाड़ी हैं इसमें कोई दोराय नहीं, मगर उन्हें कई जगह अभी सुधार की जरूरत है। ऐसा मानना है पूर्व भारतीय खिलाड़ियों को। पृथ्वी शॉ भारत में तो अच्छी बैटिंग कर रहे मगर वह अपनी टेक्निक पर और ध्यान लगाए तो विदेशी धरती पर कठिन परिस्थतियों का आसानी से मुकाबला कर सकेंगे। राजकोट में वेस्टइंडीज के खिलाफ खेले गए पहले टेस्ट में शॉ ने पहली पारी में शानदार 135 रन बनाए थे। इसी के साथ डेब्यू में सबसे कम उम्र में शतक लगाने वाले शॉ पहले भारतीय बल्लेबाज भी बन गए। शॉ का करियर अभी शुरु हुआ है अगर उन्हें सफल होना है तो मजबूत बॉलिंग अटैक का सामना करना सीखना होगा।
ऑस्ट्रेलिया में कैसे खेलेंगे पृथ्वी शॉ
वेस्टइंडीज के दिग्गज खिलाड़ी रहे कार्ल हूपर का कहना है, 'पृथ्वी शॉ की बल्लेबाजी की खासियत है उनकी आक्रमकता। इसके साथ वह अपनी टेक्निक को और मजबूत कर लें तो आगे होने वाली ऑस्ट्रेलियाई सीरीज में शॉ को सफल होने से कोई नहीं रोक सकता।' हूपर कहते हैं, 'शॉ के अंदर हुनर बहुत है मगर वह गेंद को बॉडी से दूर खेल रहा है। शॉ को बैक फुट पर खेलना पसंद है और स्क्वॉयर कट अच्छी तरह लगा सकता है। यह तकनीक यहां (राजकोट) में काम आ सकती है मगर बैट और शरीर के बीच यह गैप इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में परेशानी का सबब बन सकता है।'
पृथ्वी शॉ समेत 5 भारतीय क्रिकेटर जिन्हें डेब्यू टेस्ट मैच में मिला मैन ऑफ द मैच अवॉर्ड9 साल से क्रिकेट खेल रहे रवींद्र जडेजा ने लगाया पहला इंटरनेशनल शतक