- जिले के प्राइवेट स्कूलों में चल रहा है ट्रांसर्फर सर्टिफिकेट के नाम पर धन उगाही का खेल

- बेसिक शिक्षा विभाग के मिली भगत से इस खेल को दिया जाता है अंजाम

GORAKHPUR: बेसिक शिक्षा विभाग से मान्यता प्राप्त कक्षा आठवीं तक के प्राइवेट विद्यालयों में इन दिनों ट्रांसर्फर सर्टिफिकेट देने के नाम पर धन उगाही का खेल जबरदस्त चल रहा है। यह खेल कहीं और नहीं बल्कि सिटी के अलावा जिले भर के दो दर्जन से ऊपर विद्यालयों में चल रहा है। लेकिन ताजा मामला नौसड़ स्थित भिलौरा के एएन पब्लिक स्कूल का है। जहां पर टीसी निकलवाने के नाम पर सीधे 500 रुपए सुविधा शुल्क की मांग की जा रही है। जब इस मामले की जानकारी बीएसए को हुई तो मामले की जांच शुरू कर दी है। बीएसए की माने तो संबंधित स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

500 रुपए है सुविधा शुल्क

बता दें, बीते दिनों नौसड़ के रहने वाले अनुभव यादव एएन पब्लिक स्कूल से आठवीं पास कर चुके हैं। उनके अभिभावक कुछ दिन पहले टीसी निकलवाने स्कूल पहुंचे थे। तभी स्कूल के प्रबंधन समेत प्रिंसिपल ने टीसी के नाम पर 500 रुपए सुविधा शुल्क की मांग की। इस पर अनुभव के पैरेंट्स ने आपत्ति दर्ज कराई तो विद्यालय प्रबंधन उन पर भड़क गया। सुविधा शुल्क देने के बाद ही टीसी देने की बात कही गई। जिसके बाद अनुभव के पैरेंट्स ने सुविधा शुल्क नहीं दिए जाने की बात कहते हुए बगैर टीसी लिए वापस चले आए। इस मामले की शिकायत बीएसए से अनुभव के पैरेंट्स ने की है। जब इस संदर्भ में स्कूल के प्रबंधक आरके शुक्ला से बात हुई तो उन्होंने बताया कि प्रिंसिपल द्वारा अगर लिया गया है तो इसके लिए वे प्रिंसिपल से पूछेंगे।

स्कूल के खिलाफ शुरू हुई जांच

बीएसए बीएन सिंह ने बताया कि इस मामले में शिकायत प्राप्त हुई है। एएन पब्लिक स्कूल के खिलाफ जांच शुरू करा दी गई है। क्योंकि टीसी के नाम पर सुविधा शुल्क लेना नियम में नहीं है। अगर ऐसा हो रहा है तो यह बिलकुल गलत है। स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा बेसिक शिक्षा विभाग में करीब दो दर्ज से ऊपर विद्यालय प्रबंधन के खिलाफ इस बात की शिकायत आ चुकी है कि वे बच्चों के पैरेंट्स से टीसी निकलवाने के नाम पर सुविधा शुल्क वसूलते हैं।

Posted By: Inextlive