प्रियंका चोपड़ा खुद को बहुत खुशकिस्‍मत मानती हैं. वह कहती हैं कि उन्‍हें विश्‍व सुंदरी की प्रतियोगिता में मंच पर बिकिनी नहीं पहननी पड़ी. प्रियंका कहती हैं कि स्‍वीमिंग पूल या समुद्र के किनारे बिकिनी पहनना नेचुरल लगता है लेकिन मंच पर बिकिनी बेहद अस्‍वभाविक लगता है.

खुद को खुशकिस्मत मानती हैं प्रियंका  
यूं तो देखें तो प्रियंका को बिकिनी पहनने से कोई परहेज नहीं है, लेकिन उनका कहना है कि उसके लिए उचित माहौल होना चाहिए. वहीं बिकिनी पहनकर मंच पर कैट वॉक करना बेहद असहज लगता है. उनका कहना है कि वह इसको लेकर काफी खुशकिस्मत हैं कि वह साल 2000 में विश्व सुंदरी बनीं. उस समय कॉम्पटीशन में यह राउंड नहीं था.
क्या है प्रियंका का कहना
गौरतलब है कि प्रियंका चोपड़ा की यह प्रतिक्रिया विश्व सुंदरी प्रतियोगिता के आयोजकों की ओर से अगले साल से बिकिनी दौर की प्रतिस्पर्धा नहीं होने का निर्णय लेने के बाद आई है. जानकारी है कि विश्व सुंदरी प्रतियोगिता वर्ष 1951 से ही होती आ रही है. इसपर प्रियंका चोपड़ा का कहना है, 'निश्चत रूप से ऊंची हील पहनकर बिकिनी में मंच पर चलना असहज होता है. हमें किसी स्वीमिंग पुल या समुद्र तट पर ले चलें और वहां ये शूट करें तो भी ठीक ही है. ऐसा इसलिए  क्योंकि वहां इसके लिए स्वाभाविक वातावरण होता है. मंच पर इसे पहनकर चलना बहुत खराब लगता है.'
इसी साल से खत्म किया गया राउंड
गौरतलब है कि इस साल 2014 में विश्व सुंदरी की प्रतियोगिता में ऐश्वर्या राय को अब तक की सबसे सुंदर विश्व सुंदरी का खिताब देते समय घोषणा की गई थी कि अगले साल से विश्व सुंदरी प्रतियोगिता में बिकिनी राउंड नहीं कराया जाएगा. इसको देखते हुए अब से प्रतियोगिता में इस राउंड को खत्म ही कर दिया गया है.

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Posted By: Ruchi D Sharma