वरुण गांधी ने प्रियंका गांधी पर पलटवार करते हुए कहा कि उन्होंने शालीनता की लक्ष्मण रेखा पार की है और शालीनता व दरियादिली को उनकी कमजोरी नहीं समझना चाहिए.


एक बयान में 34 वर्षीय वरुण ने कहा, ''इतने सालों में मैंने कभी भी अपने भाषणों में शालीनता की लक्ष्मण रेखा नहीं पार की, चाहे यह अपने परिवार का मामला हो या किसी राजनीतिक दल के वरिष्ठ नेता का मामला.''समाचार एजेंसी पीटीआई ने वरुण के हवाले से कहा है, ''मेरे रास्ते के बारे में बातें हो रही हैं. मैंने हमेशा ही खुद से ज़्यादा राष्ट्र हित को वरीयता दी है. अग़र मैं राष्ट्र निर्माण में सकारात्मक भूमिका अदा करने में सक्षम हुआ, मैं अपने जीवन में मैं अपनी ज़िंदगी को अर्थ देने की ही सोचूंगा.''वहीं प्रियंका ने वरुण का जवाबे देते हुआ कहा कि लोकसभा चुनाव एक पारिवारिक  चाय पार्टी नहीं एक वैचारिक लड़ाई है.उन्होंने कहा कि यदि उनके बच्चे ने ऐसा किया होता तो वो कभी उसे माफ नहीं करतीं.


प्रियंका का कहना था कि उस वीडियो के लीक होने से उन्हें कोई परेशानी नहीं है.

42 वर्षीय प्रियंका ने पिछले सप्ताह अमेठी में एक भाषण के दौरान वरुण पर निशाना साधते उन्हें सही रास्ते पर लाने के लिए हराने की अपील की थी.विरासत की लड़ाई

उन्होंने कहा था, ''वो निश्चित रूप से हमारे परिवार के हैं, वो मेरे भाई हैं. लेकिन वो ग़लत रास्ते पर चले गए हैं. जब कोई परिवार में नौजवान ग़लत रास्ता चुनता है तो बड़े-बुज़ुर्ग सही तरीक़े से सही रास्ता दिखाते हैं. मैं आप सभी से आग्रह करती हूं कि मेरे भाई को सही रास्ता दिखाएं.''प्रियंका के इस बयान के तुरंत बाद वरुण की मां मेनका गांधी ने कहा था, ''यदि देश की सेवा करना ग़लत रास्ता है तो यह देश ही तय करेगा.''वरुण ने मंगलवार को सुल्तानपुर से भाजपा उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन भरा. इस दौरान वरुण ने कहा, ''व्यक्तिगत आरोप लगाने की बजाय हमें बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, ग़रीबी और अशिक्षा पर बहस करनी चाहिए.''उन्होंने कहा, ''हमें बहस के स्तर को गिराने की बजाय उसे उठाना चाहिए. जब हम व्यक्तिगत आलोचना केंद्रित राजनीति करते हैं तो हम अपने समय के महत्वपूर्ण मुद्दों से भटक जाते हैं.''जब भाजपा ने वरुण गांधी को सुल्तालपुर से टिकट दिया गया तो उन्होंने राहुल गांधी के अमेठी में किए गए कामों की कथित तौर पर प्रशंसा की थी.उनके बयान से राजनीतिक हलकों में काफ़ी हलचल मच गई थी.सुल्तानपुर लोकसभा सीट से भाजपा तीन बार विजय हासिल कर चुकी है. लेकिन पिछले तीन चुनावों में उसे हार का सामना करना पड़ा है.
यहां से 2009 में कांग्रेस के संजय सिंह जीते, जबकि 1999 और 2004 में यह सीट बहुजन समाज पार्टी के खाते में गई.

Posted By: Subhesh Sharma