आगरा. डॉ. बीआर अंबेडकर यूनिवर्सिस्टी प्रशासन पहले तो स्टूडेंट्स के रूठने से परेशान था. लेकिन अब प्रोफे सर्स भी यूनिवर्सिटी से रूठने लगे हैं. प्रमोशन की आस लगाए प्रोफेसर्स को अब विवि रास नहीं आ रही है. कई प्रोफेसरों ने यूनिवर्सिटी छोडऩे का मन बना लिया है. वहीं कुछ प्रोफे सरों ने कन्वोके शन प्रोग्राम में सहयोग न करने की बात कही है.


इसलिए नाराज हैं प्रोफेसर्स यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर्स इसलिए नाराज हैं क्योंकि पिछले दो सालों से उनका प्रमोशल अटका हुआ है। आठवीं और नौवीं पंचवर्षीय योजना में पूर्व कुलपति डीएन जौहर ने करीब 13 प्रोफे सर्स के प्रमोशन की संस्तुति की थी। जिसे शासन से भी पास कर दिया गया। इसके बाद प्रोफेसर्स के प्रमोशन की फाइल अटक गई। जो अभी तक नहीं खुल सकी है। जूनियर्स के प्रमोशन हो गएप्रोफेसर्स के रूठने की दूसरी वजह है कि जिन 13 प्रोफे सर्स की फाइल अटकी हुई थी, उनके प्रमोशन तो नहीं हुए। लेकिन इसके बाद जिन टीचर्स की नियुक्ति हुई थी, नौवीं पंचवर्षीय योजना के तहत उनके प्रमोशन कर दिए गए। पीआरओ ने दिया इस्तीफा


प्रमोशन न होने से नाराज यूनिवर्सिटी के पीआरओ संजीव कुमार शर्मा ने कुलपति को अपना इस्तीफा सौंप दिया था। इससे विवि प्रशासन में खलबली मच गई थी। इसके बाद कई प्रोफेसर्स ने पीआरओ से बात कर इस्तीफा देने का मन बनाया है। कन्वोकेशन प्रोग्राम में नहीं करेंगे हेल्प

सोर्स बताते हैं कि 13 प्रोफेसर्स में से छह की प्रमोशन की संस्तुति कर दी गई थी। लेकिन मामले की फाइल दबा दी गई। वहीं सात प्रोफेसर्स ऐसे हैं, जिनके शुरुआत से ही प्रमोशन नहीं हुए हैं। सोर्स यह भी कहते हैं कि इन प्रोफेसर्स ने 28 अक्टूबर को होने वाले कन्वोकेशन प्रोग्राम में हेल्प न करने की बात कही है। वीसी के छूट रहे पसीनेप्रोफे सर्स के यूनिवर्सिटी को सहयोग न करने की बात सुनकर वीसी मुहम्मद मुजम्मिल के पसीने छूट रहे हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि उन्हें डर है कि जब प्रोफेसर्स सहयोग नहीं करेंगे, तो कन्वोकेशन प्रोग्राम कैसे हो पाएगा। क्योंकि प्रोग्राम की सारी तैयारियां अधूरी पड़ी हैं। वहीं इनमें से कई प्रोफेसर्स ऐसे हैं, जो पिछले कई कन्वोकेशन प्रोग्राम में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभा चुके हैं। मीटिंग में नहीं पहुंचे प्रोफे सर्स प्रोफेसर्स की नाराजगी इससे जाहिर होती है कि संडे सुबह हुई कन्वोकेशन प्रोग्राम में कई प्रोफसेर्स नहीं पहुंचे। वीसी सचिवालय में हुई मीटिंग में अबसेंट प्रोफेसर्स वो थे, जिनका प्रमोशन अटका हुआ है। कांट्रैक्ट टीचर्स भी परेशानयूनिवर्सिटी की कारगुजारियों से कांट्रैक्ट टीचर्स भी परेशान हैं। टीचर्स को पिछले चार महीनों से सैलरी नहीं मिली है। पहले तो कांट्रैक्ट टीचर्स को उम्मीद थी कि उनका रिन्यूअल हो जाएगा और सैलरी मिल जाएगी। लेकिन अब कई टीचर्स भी यूनिवर्सिटी को सेवाएं देने से परहेज कर रहे हैं.

Posted By: Inextlive