- महिला कर्मचारियों ने बहाली के आदेश के बिना टंकी से उतरने के लिए किया मना

- देरशाम तक नहीं नतीजा कोई नतीजा, टंकी पर ही चढ़ीं रहीं महिला कर्मचारी

RISHIKESH: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) से निष्कासित दो महिला आउटसोर्स कर्मचारी फ्राइडे को रेलवे स्टेशन के समीप पानी की टंकी पर चढ़ गई. वह निष्कासित कर्मचारियों के पुनर्बहाली की मांग कर रही थी. सूचना पर पहुंचे प्रशासन ने उतरने की अपील की. लेकिन महिला कर्मचारियों ने बिना बहाली आदेश मिले उतरने से इन्कार कर दिया. करीब तेरह घंटे बाद एम्स के दो वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे. समर्थन में मौके पर जमा लोगों ने उन्हें घेर लिया. पुलिस ने बल पूर्वक दोनों अधिकारियों को बाहर निकाला. इस दौरान पुलिस व आंदोलनकारियों के बीच तीखी नोकझोंक व धक्कामुक्की भी हुई. दोनों पक्षों के बीच सीओ कार्यालय में वार्ता हुई, जोकि बेनतीजा रही. इसके बाद एसडीएम व सीओ आंदोलनकारियों से मांगपत्र लेकर वार्ता के लिए एम्स रवाना हो गए. मामले में देरशाम तक कोई नतीजा नहीं निकला था.

आउटसोर्स कर्मियों की सेवा कर दी थी समाप्त

एम्स में तैनात कुछ आउटसोर्स कर्मचारियों की पिछले दिनों सेवा समाप्त कर दी गई थी. इस पर एम्स निष्कासित कर्मचारी संघर्ष मोर्चा ने एम्स प्रशासन के खिलाफ भ्9 दिन पूर्व धरना शुरू किया था. फ्राइडे की सुबह करीब पौने पांच बजे एम्स से निष्कासित मनीषा वर्मा पत्नी सतीश चंद्र शर्मा निवासी आशुतोष नगर व कंचन कुमारी पुत्री सोहन लाल निवासी आवास विकास कॉलोनी ऋषिकेश रेलवे स्टेशन के समीप पानी की टंकी पर चढ़ गई. इनके समर्थन करीब एक दर्जन महिलाएं टंकी की सीढि़यों पर बैठ गई. सूचना पाकर वहां अन्य आंदोलनकारियों का एकत्र होना शुरू हो गया. तहसीलदार रेखा आर्य मौके पर पहुंची. महिलाओं ने बकायदा शपथ पत्र पर इस बात की घोषणा की कि उन्हें एम्स निदेशक ने यह कदम उठाने पर मजबूर किया है. उन्हें कुछ होता है तो पूरी जिम्मेदारी एम्स निदेशक और उप जिलाधिकारी की होगी. सुबह करीब ग्यारह बजे उप जिलाधिकारी प्रेमलाल मौके पर पहुंचे. मगर, बिना बहाली आदेश के दोनों महिला कर्मचारियों ने नीचे उतरने से इन्कार कर दिया. करीब बारह घंटे ऐसे ही बीत गए. बाद में सायं करीब छह बजे एम्स के उप निदेशक प्रशासन अंशमान गुप्ता और जन संपर्क अधिकारी डॉ. हरीश थपलियाल मौके पर पहुंचे. आंदोलनकारियों की ओर से पार्षद राकेश सिंह मियां, राजेंद्र बिष्ट, जगत सिंह नेगी, ज्योति सजवाण, कपिल गुप्ता, अर¨वद हटवाल, दीपक रयाल आदि ने उनके साथ बात की. उप निदेशक ने आंदोलनकारियों के प्रतिनिधिमंडल को निदेशक से वार्ता के लिए एम्स में आने को कहा. वह निदेशक को मौके पर ही बुलाने की मांग करने लगे. मामला बिगड़ता देख पुलिस उपाधीक्षक वीरेंद्र सिंह रावत फोर्स लेकर मौके पर पहुंचे. इस बीच हालात को भांप कर उप निदेशक व पीआरओ वहां से जाने लगे. आंदोलनकारी जयेंद्र रमोला, ज्योति सजवाण, राजेंद्र बिष्ट, जगत सिंह, अजीत सिंह गोल्डी आदि ने रेलवे स्टेशन के समीप दोनों अधिकारियों को घेर लिया. दोनों अधिकारियों को बंधक बनाए जाने की सूचना पर कोतवाल रीतेश शाह वहां पहुंचे और उप निदेशक अंशुमान गुप्ता को हाथ पकड़कर भीड़ से बाहर निकाला. इस बीच आंदोलनकारियों ने फिर इन्हें रोक दिया. पुलिस ने बलपूर्वक निकाला और गाड़ी में एम्स तक छोड़ा. इस बीच पीआरओ हरीश थपलियाल आंदोलनकारियोंसे घिर गए. पुलिस ने उन्हें सीओ कार्यालय पहुंचाया. यहां आंदोलनकारियों के प्रतिनिधिमंडल ने एसडीएम और सीओ की उपस्थिति में वार्ता करनी चाही. एम्स के सक्षम अधिकारी ने ऐसे हालात में आने से इन्कार कर दिया. बाद में आंदोलनकारियों की ओर से मांग पत्र लेकर उपजिलाधिकारी और सीओ एम्स प्रशासन से वार्ता के लिए रवाना हुए. पंद्रह घंटे बीत जाने के बाद भी रात्रि आठ बजे तक दोनों आंदोलनकारी महिलाएं टंकी पर ही चढ़ी थी.

Posted By: Ravi Pal