- आरोपी पुलिस की भूमिका पर उठा रहे सवाल

- आबिद का भी कहना है कि पुलिस अपना काम नहीं कर रही

ALLAHABAD: मरियाडीह डबल मर्डर मामले में अब दोनों पक्षों के निशाने पर पुलिस आ गई है। आरोपियों की गिरफ्तारी न होने पर ग्राम प्रधान आबिद के पक्ष के लोग पुलिस पर निशाना साध रहे हैं तो आरोपी भी पुलिस की ही भूमिका पर सवाल उठा रहे हैं। आरोपों- प्रत्यारोपों की बीच शनिवार को आबिद के पक्ष के लोगों ने आईजी जोन, एसएसपी आफिस के साथ ही पूर्व सांसद अतीक अहमद का दरवाजा खटखटाया तो आरोपियों की फैमिली ने प्रेस कांफ्रेंस बुलाकर पुलिस पर भड़ास निकाली। कहा कि प्रधानी चुनाव में इंतेखाब आलम से हार के डर से आबिद ने डबल मर्डर की साजिश रची और सात लोगों को फंसा दिया।

सैकड़ों लोग पहुंचे ज्ञापन देने

ग्राम प्रधान आबिद की फैमिली व समर्थक सैकड़ों की तादात में शनिवार सुबह आईजी जोन बृजभूषण के आफिस पहुंच गए। आईजी से कहा कि अलकमा व सुरजीत के मर्डर के आरोपी शहर में घूम रहे हैं लेकिन पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी है। पुलिस पर राजनीतिक दबाव में काम करने का आरोप लगाया गया। आईजी ने निष्पक्ष जांच का भरोसा दिलाया लेकिन लोगों के दिमाग में कुछ और ही चल रहा था। बड़ी संख्या में आबिद समर्थक एसएसपी आफिस पहुंच गए। एसएसपी केएस इमेनुएल नहीं मिले तो आफिस में ही साबिर, वसी अहमद, मकसूद अहमद, तौसीफ, इंतेखाब आलम, कम्मू व जाबिर की गिरफ्तारी से संबंधित ज्ञापन सौंपा गया।

पहुंच गए अतीक के दरवाजे पर

एसएसपी आफिस पर प्रदर्शन के बाद आबिद के समर्थकों को संतोष नहीं हुआ। महिलाएं, बच्चे व बुजुर्ग पहुंच गए पूर्व सांसद अतीक अहमद के घर। वह तो नहीं मिले लेकिन समर्थक दरवाजा पीटने लगे। बाद में सीओ प्रथम वहां आए और लोगों को भरोसा दिलाया कि आरोपियों की जल्द से जल्द कार्रवाई होगी। अतीक के घर के लोगों से भी लोगों ने बातचीत की। चेतावनी दी है कि आरोपी अरेस्ट नहीं हुए तो लोग भूख हड़ताल करेंगे।

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चुनाव लड़ने से रोकने के लिए रची साजिश

जाबिर के पिता हाजी अख्तर हुसैन, कम्मू की पत्‍‌नी शबीना महफूज व इंतेखाब आलम की बहन आयशा ने शनिवार को प्रेस कांफ्रेंस की। आरोप लगाया कि इंतेखाब को मरियाडीह से चुनाव लड़ने से रोकने के लिए आबिद ने डबल मर्डर की साजिश रची। वह अपनी चचेरी बहन अलकमा से नाराज था तो उसने मर्डर कराके एक तीर से दो निशाने लगाए। मर्डर के मामले में उसने इंतेखाब के साथ ही अपने बाकी के दुश्मनों को भी लपेट दिया। जिस वक्त की घटना है, उस वक्त कम्मू व जाबिर पूरामुफ्ती के लोहरा में थे। मकसूद की पत्‍‌नी समर जहां ने कहा कि वह घटना के वक्त उमरी में अपने घर पर थे। उनको दिल की बीमारी है। लोकेशन का पता कॉल डिटेल रिकार्ड से लगाया जा सकता है लेकिन पुलिस ऐसा कर नहीं रही। लोकेशन की डिटेल नहीं निकलवाई गई। कहा कि पुलिस का मंशा हकीकत को सामने लाने की नहीं बल्कि आबिद के दुश्मनों को जेल भेजने की है।

फैमिली को धमकाया जा रहा है

आरोपियों की फैमिली का कहना है कि अलकमा के परिवार व सुरजीत के भाई गगन को धमकाया गया है। अलकमा की फैमिली को घटना के बाद से मरियाडीह बुला लिया गया है। आरोप यह भी लगाया गया कि अलकमा की नानी को बंधक बनाकर रखा गया है। अलकमा व सुरजीत के सेलफोन गायब हैं। यह भी कहा कि अलकमा दो महीने की बच्ची को अकेले छोड़कर कैसे जा सकती है। घटना को लेकर आबिद के बयानों में भी झोल है। वह बार-बार बयान बदलता रहा। आरोप है कि एक विधायक के भाई के दबाव में पुलिस काम कर रही है। इस मामले को सीएम व गवर्नर के पास तक ले जाने का ऐलान किया गया है।

कुछ तथ्य

- डबल मर्डर में आरोपी बनाए गए इंतेखाब और तौसीफ के बड़े भाई तनवीर की तीन अगस्त 1994 में हत्या हुई थी

- 10 जनू 1998 को इंतेखाब के पिता तुफैल पर जानलेवा हमला हुआ था। इसमें आबिद नामजद है।

- 19 जनवरी 2001 को इंतेखाब के चचेरे भाई एमाउद्दीन का मर्डर हुआ था। इस मामले में भी आबिद व उसके गुर्गे नामजद हुए थे।

- 19 मई 2012 को बमरौली की घटना में आबिद व उसके भाइयों को नामजद किया गया था।

Posted By: Inextlive