-13 नवम्बर से 8 दिसम्बर तक हैं गुरू अस्त, इस कारण भी विवाह मुहुर्त नहीं है

-19 नवम्बर को सिद्ध योग प्रात: 06:47 से दोपहर 02:30 बजे तक

>BAREILLY :

'देव उठनी' या देव प्रबोधिनी एकादशी इस बार 19 नवम्बर को मनाई जाएगी, लेकिन इस बार भी देव उठनी एकादशी पर विवाह का मुहूर्त नहीं है। ज्योतिष संस्थान के पं। राजीव शर्मा ने बताया कि 13 नवम्बर को गुरू अस्त हो गए और 8 दिसम्बर को गुरू का तारा उदय होगा, जिसके बाद शुभ कार्यो और शादियों का मुहूर्त शुरू होगा।

एकादशी को होते हैं जागृत

चार माह पूर्व 23 जुलाई को आषाढ़ शुक्ल देवशयिनी एकादशी के दिन शयनस्थ हुए देवी-देवता जिसमें मुख्यत: भगवान श्री विष्णु का इस एकादशी को जागृत होना माना जाता है। विष्णु के शयनकाल के इन चार माह में विवाह आदि मांगलिक शुभ कायरें का आयोजन निषेध माना जाता है। इस बार भी इस दिन विवाह और शुभ कार्यो का योग नहीं बन रहा है, लेकिन स्वयं सिद्ध अबूझ मुहूर्त है।

इस दिन तुलसी पूजन का उत्सव, तुलसी से शालिग्राम के विवाह का आयोजन धूम-धाम से किया जाता है। शास्त्रों के अनुसार जिन दम्पत्तियों के कन्या नहीं होती है, वह जीवन में एक बार तुलसी का विवाह करके कन्या दान का पुण्य अवश्य प्राप्त करें।

इस दिन होता है तुलसी विवाह

देवोत्थान एकादशी के दिन मनाया जाने वाला तुलसी विवाह विशुद्ध मांगलिक और आध्यात्मिक प्रसंग है देवता जब जागते हैं तो सबसे पहली प्रार्थना हरिवल्लभा तुलसी की ही सुनते हैं। इसलिए तुलसी विवाह को देव जागरण के पवित्र मुहूर्त के स्वागत का आयोजन माना जाता है। तुलसी विवाह के लिए कार्तिक शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि ठीक है परन्तु कुछ लोग एकादशी से पूर्णिमा तक तुलसी पूजन कर पांचवे दिन तुलसी विवाह करते हैं।

यह है मान्यता

लोक मान्यता परम्परानुसार देव प्रबोधिनी एकादशी में ही तुलसी विवाह किया जाता है, एकादशी व्रत का पारण जिस दिन हो उससे पूर्व दिन अथवा रात्रि में तुलसी विवाह होना चाहिए। इस दिन व्रती स्त्रियां प्रात: काल स्नानादि से निवृत्त होकर भगवान विष्णु के चरणों को कलात्मक रूप से अंकित करती हैं। दिन की तेज धूप में विष्णु जी के चरणों को ढंक दिया जाता है। रात्रि को विधिवत पूजन के बाद प्रात:काल भगवान को शंख, घंटा-घडि़याल आदि बजाकर जगाया जाता है और पूजा करके कथा सुनाई जाती है। भारतीय संस्कृति में अनेक व्रतोत्सव मनाये जाते हैं। इनमें तुलसी-शालिग्राम जी का विवाह एक महत्वपूर्ण आयोजन है, यह विवाह अखण्ड सौभाग्य देने वाला होता है।

Posted By: Inextlive