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सैंपल सीजन में अब तक लिए गए

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मरीजों में हुई डेंगू की पुष्टि

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बाहर से आने वाले लोगों को डेंगू

Sample case one

ममफोर्डगंज में रहने वाले विकास दिल्ली में रहकर इंजीनियरिंग का कोर्स कर रहे हैं। देश की राजधानी में डेंगू का प्रकोप फैला तो परिवार के सदस्य परेशान हो उठे और उन्हें घर वापस बुला लिया। करीब एक पखवारे से वह घर पर हैं। पढ़ाई का नुकसान हो रहा है लेकिन वापस लौटने की हिम्मत नहीं बटोर पा रहे हैं।

Sample case two

बेली कॉलोनी के रहने वाले प्रवेश पांडेय दिल्ली की एक प्राइवेट कंपनी में फाइनेंस के इम्प्लाई हैं। दिल्ली में डेगू का प्रकोप फैला तो वह घरवालों ने प्रेशर बनाया और वह वह लौट आए। नौकरी चले जाने का खतरा बन गया है लेकिन परिवार के सदस्य उन्हें दिल्ली लौटने की इजाजत नहीं दे रहे हैं।

Sample case three

सलोरी की रहने वाली तृप्ति सिंह प्राइवेट कंपनी में इम्प्लाई हैं। उन्हें कंपनी के काम से दिल्ली जाना था। लेकिन, दिल्ली में फैले डेंगू और चिकनगुनिया के चलते उन्होंने अपना टूर कैंसिल कर देने का फैसला लिया है। इस फैसले से उन्हें नुकसान भी संभव है लेकिन उनका कहना है कि सेहत है सब कुछ है।

खौफ के चलते घर लौट आए लोग नहीं बटोर पा रहे हैं वापस जाने की हिम्मत

इलाहाबाद में ही इलाज कराना पसंद, हर दिन आने वाली टेस्ट रिपोर्ट में परदेश से बीमार होकर आने वाले ज्यादा

vineet.tiwari@inext.co.in

ALLAHABAD: डेंगू और चिकनगुनिया के डर से लोगों का दिल्ली मोह टूट रहा है। जो लोग देश की राजधानी में नौकरी या पढ़ाई कर रहे थे, वह दहशत में अपने घर वापस आ चुके हैं। अब वह जाने की हिम्मत भी नही जुटा पा रहे। अभी तक दिल्ली से लौटे कई मरीजों में डेंगू की पुष्टि भी हो चुकी है। उनका इलाज अलग-अलग हॉस्पिटल्स में कराया जा रहा है। वैसे भी केंद्र सरकार राजधानी में डेंगू के बढ़ते मरीजों पर चिंता जता चुकी है और सुप्रीम कोर्ट ने भी मामले को संज्ञान में लिया है।

रुक नहीं रहा सिलसिला

जिले के हजारों लोग दिल्ली में रहकर या तो पढ़ाई कर रहे हैं नौकरी। वहां पर डेंगू और चिकनगुनिया के मरीजों की संख्या दो हजार के पार हो जाने और बढ़ती मौतों के चलते लोगों के कान खड़े हो गए हैं और उन्होंने पलायन करना शुरू कर दिया है। यही कारण है कि इलाहाबाद में लौट कर आए लोगों की हिम्मत वापस वहां जाने की नही हो रही है। उदाहरण के तौर पर ममफोर्डगंज में रहने वाले विकास दिल्ली में रहकर इंजीनियरिंग का कोर्स कर रहे हैं लेकिन डेंगू का प्रकोप देखकर घर आ चुके हैं। इसी तरह बेली कॉलोनी के रहने वाले प्रवेश पांडेय भी दिल्ली से लौट चुके हैं। वहां पर प्रवेश एक प्राइवेट कंपनी में फाइनेंस का काम देखते हैं। ऐसे लोगों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है।

दीपावली तक घर रुकने का प्लान

इस बार उत्तरी भारत में जोरदार बारिश हो रही है। सावन के बाद भादों में भी मानसून पीछे हटने को तैयार नही है। ऐसे में डेंगू और चिकनगुनिया का प्रकोप भी कम नहीं हो रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस साल पूरे अक्टूबर इन बीमारियों का प्रकोप बना रह सकता है, ऐसे में घर लौटने वालों ने दीपावली तक रुकने का प्लान बनाया है। दिल्ली में रहकर पढ़ाई कर रहे बृजेंद्र और माही कहते हैं कि उनकी दिल्ली वापस लौटने की हिम्मत नही पड़ रही है। यह बात और है कि जो लोग दिल्ली से इलाहाबाद आ गए हैं, उन्हें यहां भी डेंगू का डर सता रहा है। जिले में अब तक तीन सौ से अधिक मरीज सामने आ चुके हैं और दो दर्जन लोगों की मौत हो चुकी है।

ओपीडी में बुखार और बदन दर्द से पीडि़त मरीजों के आने की संख्या बढ़ती जा रही है। लक्षण के आधार पर जांच कराई जाती है। दिल्ली से आने वाले मरीज एहतियातन अपनी जांच कराने की मांग करते हैं। इनकी काउंसिलिंग की जा रही है।

डॉ। वीके सिंह

सीएमएस, बेली हॉस्पिटल

Posted By: Inextlive