वोल्टेज अप-डाउन होने से करंट मार रही जुगाड़ टेक्नोलॉजी की अर्थिग
-मेंटेनेंस के लिए 2100.50 करोड़ आवंटित, लेकिन लूज वायरिंग से खराब हो रहे उपकरण
PATNA: पटना में वोल्टेज की गड़बड़ी से लोग बहुत परेशान हैं। इस कारण विद्युत उपकरणों में भी गड़बड़ी हो जाती है और वे खराब भी हो जाते हैं। पटना में करीब साढे़ पांच लाख रजिस्टर्ड बिजली कस्टमर्स हैं। इसमें करीब 30 परसेंट लोगों को वोल्टेज के अप-डाउन से परेशानी का सामना करना पड़ता है। दरअसल, इस समस्या की शुरुआत पावर सब स्टेशन से ही हो जाती है। क्योंकि वहां से ही अर्थिग के तार की अलग व्यवस्था दी जानी चाहिए। लेकिन अब ऐसा नहीं किया जा रहा है। इससे यह समस्या बार- बार सामने आ रही है। अब अर्थिग पर काम नहींपहले पावर सब स्टेशन पर अर्थिग का काम सलीके से किया जाता था, जो कि अब नहीं किया जा रहा है। वहां अर्थिग का अलग से वायर डाला जाता था। उसमें जरूरत के हिसाब से नमक और पानी का भी प्रयोग किया जाता था। इसके अलावा यहां से एक न्यूट्रल तार निकलता था जो कि शहर में एक गर्म और ठंडा तार के रूप में घरों में जाता था।
जुगाड़ से चलता है अर्थिग का कामअर्थिग वोल्टेज के अप-डाउन होने का बड़ा कारण है। बिजली कंपनी के द्वारा इस पर ध्यान नहीं दिए जाने के कारण यह समस्या लोगों को झेलना पड़ रहा है। अर्थिग की समस्या से होने वाले वोल्टेज के उतार-चढ़ाव और विद्युत उपकरणों में सही वोल्टेज पाने के लिए लोगों को पानी के नल या जहां बोरिंग का पानी सप्लाई होता है वहां तार लपेट देते हैं। यह अर्थिग का काम तो कर लेता है लेकिन यह खतरनाक भी है। क्योंकि जब अर्थिग का खतरा उत्पन्न होता है तो यह बेहद तेज झटका देता है।
यह है योजना समेकित विद्युत विकास योजना केन्द्र प्रायोजित योजना है। इसके तहत 2100.50 करोड़ रुपए का प्रावधान मेनटेनेंस सहित अन्य कार्यो के लिए किया गया है। वोल्टेज की गड़बड़ी का कारण -सही अर्थिग नहीं मिलना। -पुराने और जर्जर तार। -लूज वायरिंग। -न्यूट्रल फेल होना, जो कि टीपी ट्रांसफॉर्मर से होता है। वोल्टेज की गड़बड़ी का नुकसान -विद्युत उपकरण खराब होना। -अधिक बिजली की खपत और अधिक बिजली बिल। जहां भी आवश्यक होता है वहां मेनटेनेंस वर्क किया जाता है। हालांकि यह बेहद सामान्य समस्या है। -दिलीप कुमार, जीएम पेसू