Case 1

जीएमएस रोड निवासी आनंद कुमार वर्मा ने घंटाघर स्थित मुख्य डाकघर के बाहर बाइक खड़ी कर दी। इसी दौरान सीपीयू ने बाइक को नो पार्किग में बताते हुए उसे कैरिंग वाहन में डालकर ले जाने। जिस पर आनंद कुमार वर्मा बिफर गए। उनका कहना था कि जहां पर नो पार्किग जोन बताया जा रहा है वहां पर कोई बोर्ड भी नहीं लगा है। लिहाजा वाहन जब्त करना ठीक नहीं है। सीपीयू जवान हनक दिखाने के लिए वीडियोग्राफी करने लगे। हो हल्ला होते ही मौके पर भारी भीड़ जुट गई। आखिरकार सीपीयू ने अपनी गलती स्वीकार की और बाइक को कैरिंग वाहन से उतारकर आनंद वर्मा को सौंप दिया।

Case 2

पटेल नगर एरिया स्थित निजी इंस्टिट्यूट में कार्यरत महिला ने ईसी रोड स्थित नैनी बेकरी के बाहर एक्टिवा खड़ी की। कुछ देर बाद लौटी तो वाहन पर सीपीयू द्वारा नो पार्किग का चस्पा चालान रखा गया था, यह देख महिला गुस्सा गई। वह सीधे ट्रैफिक ऑफिस पहुंची और हंगामा करने लगी। महिला का आरोप था कि जहां पर उसका वाहन खड़ा था वहां नो पार्किग का बोर्ड नहीं लगा था। लिहाजा उसका चालान काटना ठीक नहीं है, बावजूद उसका चालान रद नहीं किया गया। गुस्से में आकर महिला ने अधिकारियों को भी खूब खरी खोटी सुनाई और चालान भुगतकर चली गई।

-चालानों के नंबर बढ़ाने तक सिमट गई सिटी पेट्रोल यूनिट

-शडन क्राइम व ट्रैफिक सुधारने के लिए हुआ था गठन

DEHRADUN : ये तो महज कुछ उदाहरण हैं कि कैसे सिटी पेट्रोल यूनिट अपनी फजीहत खुद कराने में जुटी हुई है, जबकि इसको गठित करने का उद्देश्य कुछ और ही था, लेकिन लगता है सीपीयू अपने उद्देश्य से भटक गई है। आखिर ऐसा क्यों? इसी बात की पड़ताल आई नेक्स्ट ने की तो चौंकाने वाली बात सामने आई, वह है नंबरों का गेम

सीपीयू को दी गई अच्छी सुविधा

दरअसल, ट्रैफिक सुधारने के साथ सडन क्राइम पर रोक लगाने के लिए डीजीपी बीएस सिद्धू ने पहल करते हुए सिटी पेट्रोल यूनिट की दस टीमों को फील्ड में उतारा। प्रत्येक टीम को हाईटेक बुलेट के अलावा अन्य साधन मुहैया कराए गया। यहां तक की वर्दी भी अलग दी गई। इतना ही नहीं बैकअप के लिए एक बुलेरो भी टीम को उपलब्ध कराई गई। टीम को विशेष तौर से प्रशिक्षित किया गया। साफ हिदायद दी गई कि वह बेवजह किसी को परेशान न करें।

उद्देश्य से भटक रही सीपीयू

शुरुआती दौर में सिटी पेट्रोल यूनिट ने अच्छा काम किया। ताबड़तोड़ चालान की कार्रवाई से टू व्हीलर चालकों ने हेलमेट पहनना शुरू कर दिया। इतना ही नहीं कुछ नशे के सौदागरों को भी सीपीयू ने धर दबोचा। मुसीबत में फंसे जरूरतमंद लोगों की मदद की, लेकिन अब सिटी पेट्रोल यूनिट अपने उद्देश्य से भटकती हुई नजर आ रही है। तभी तो आए दिन सिटी पेट्रोल यूनिट का लोग विरोध करते हुए दिखाई पड़ते हैं। आखिर ऐसी क्या मजबूरी है जो सीपीयू उद्देश्य से भटक रही है।

नंबर बढ़ाने की मची होड़

आई नेक्स्ट की पड़ताल में पता चला कि सीपीयू अपने उद्देश्य से नंबर गेम की वजह से भटक रही है। क्योंकि प्रत्येक टीम द्वारा काटे गए चालानों का ब्यौरा अलग-अलग रखा जाता है। इन चालनों की संख्या को अच्छा बनाए रखने के लिए टीम मेंबर्स में होड़ मची हुई है। वह रिकॉर्ड मेंटेन करने के लिए महज चालान काटने तक सीमित हो गई है। इसके लिए वह नियम विरुद्ध भी चालान काट रही है। इसी कारण उसे विरोध झेलना पड़ रहा है। कई बार उसे मुंह तक की खानी पड़ रही है। अधिकारियों को भी इसकी वजह से खरी खोटी सहनी पड़ रही है।

Posted By: Inextlive