- वार्ड 5 दरगहिया का हाल, 20 हजार पब्लिक को नहीं मिलतीं निगम की सुविधाएं

- बरसात के बाद कच्ची सड़कों पर वॉटर लॉगिंग और कीचड़ बने मुसीबत

- सड़क किनारे दीवार पकड़ निकलते लोग, घर तक नहीं पहुंच रही बाइक तो मांग रहे मदद

GORAKHPUR: नगर निगम में वार्डो की संख्या भले 70 है लेकिन कुछ चुनिंदा वार्डो को छोड़ बाकी के साथ नगर निगम सौतेला व्यवहार करता आ रहा है। शहर का वार्ड 5 दरगहिया भी इसी उदासीनता का शिकार है। निगम की सुविधा के नाम पर यहां कुछ नजर नहीं आता। कच्ची सड़कों से लेकर टूटी नालियां तक जिम्मेदारों की लापरवाही का हाल बयां कर रही हैं जबकि यहां रहने वाली 20 हजार बराबर टैक्स जमा करती है। बरसात के बाद तो एयरपोर्ट के बगल के इस वार्ड में नारकीय हालात हो गए हैं। हाल ये कि वॉटर लॉगिंग के चलते कच्ची सड़कें दलदल में तब्दील हो गई हैं जिसके चलते लोगों का घरों से निकलना तक मुश्किल हो गया है। बाइक और कार से चलने वाले लोग भी सड़क किनारे दीवार पकड़कर पैदल निकलने को मजबूर हैं। कई गाडि़यां तो दलदल भरे गड्ढ़ों में फंसकर पलट भी चुकी हैं।

कॉलोनी में नहीं आते स्कूली वाहन

वार्ड 5 की हालत ये है कि यहां कॉलोनी के अंदर फ्लैट तो एक से बढ़कर एक हैं लेकिन बरसात के बाद सड़कों की दुर्दशा ऐसी है कि घर तक कोई आ ही नहीं सकता। स्कूल्स खुलने के बाद तो यहां रहने वालों की मुसीबत और बढ़ गई है। खराब सड़कों की वजह से कोई स्कूली वाहन कॉलोनी के अंदर नहीं आते हैं। जिसके कारण पैरेंट्स को सुबह-सुबह बच्चों को सड़क तक छोड़ने जाना पड़ता है। किसी तरह लोग दीवारों का सहारा लेकर बच्चों को छोड़ने जाते हैं। स्कूल की छुट्टी होने पर कड़ी धूप में पैरेंट्स को बच्चों का इंतजार भी करना पड़ता है।

कई महीने से घरों में कैद हैं कारें

दरगहिया की हालत ये है कि यहां के लोगों के पास लग्जरी वाहन होते हुए भी उसे वे यूज नहीं कर पाते हैं। दलदल भरी सड़क पर गाडि़यां निकालने पर धंस जाती हैं। जिससे गाड़ी भी खराब होती है और समय भी बर्बाद होता है। जिसके कारण लोग अपने वाहन घर से ही नहीं निकालते हैं। हाल ये है कि लोग कई महीनों से फोर व्हीलर को घरों में कैद किए हुए हैं।

बॉक्स

वीआईपी रोड पर भी नहीं है लाइट

एयरपोर्ट रोड वीआईपी रोड होने की वजह से इस पर जगह-जगह पोल पर टावर लगे हुए हैं। लेकिन इस वार्ड में पड़ने वाली इस रोड पर भी काफी दिनों से हाइमास्ट खराब पड़े हैं। इसकी शिकायत पार्षद प्रतिनिधि प्रवीण ने कई बार निगम में भी की लेकिन इसके बाद भी इसे ठीक नहीं कराया गया।

कुल आबादी- करीब 20 हजार

हर घर से टैक्स पेड- 3-7 सौ रुपए

यहां पर दिक्कत - 1 साल से

कोट्स

बच्चे का स्कूल या कोई भी जरूरी काम हो लेकिन जाना तो कीचड़ में से ही है। किसी तरह बचकर निकलते हैं। बच्चे तो बाहर भी नहीं जा पाते हैं।

सरवन यादव

अपनी कार को बार-बार निकालने की सोचता हूं लेकिन सड़क का ये दलदल देखकर हौसला टूट जाता है। कहीं बाहर भी जाना होता है तो किराए पर गाड़ी मंगाता हूं।

विशाल सिंह

सड़क की वजह से घर में ही कैद होकर रह जाना पड़ता है। अभी तो हल्की बरसात है। इससे ज्यादा हुई तो हालत और दयनीय हो जाएगी।

अमित कुमार

बच्चों को छोड़ने और लेने के लिए स्कूल बस भी अंदर नहीं आती है। जिसके कारण हर दिन सड़क पर जाना पड़ता है।

विद्यावती देवी

Posted By: Inextlive