Jamshedpur: सिटी में पॉल्यूशन सर्टिफिकेट बना रहीं कुछ नन गवर्नमेंट एजेंसीज लोगों से तय कीमत से ज्यादा पैसे वसूल रही हैं. ऐसा नहीं है कि एडमिनिस्ट्रेशन को इसकी इन्फॉर्मेशन नहीं है लेकिन वह चुपचाप आंखे बंद किए हुए है और ऐसी एजेंसीज के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया जा रहा है.

3 से लेकर 5 गुना ज्यादा
सिटी में पॉल्यूशन सर्टीफिकेट बनाने के नाम पर पब्लिक को लूटा जा रहा है। गवर्नमेंट की ओर से अलग-अलग व्हीकल कैटेगरी के पॉल्यूशन सर्टीफिकेट के लिए जो रेट फिक्स किया गया है। प्रॉपर जानकारी के अभाव में लोग करीब 3 से 5 गुना तक ज्यादा पैसे अदा कर रहे हैं। गोलमुरी में रहने वाले रमेश सचदेवा ने बताया कि उनके जैसे न जाने कितने जमशेदरपुरआईट्स को पॉल्यूशन सर्टिफिकेट के गवर्नमेंट रेट की जानकारी नहीं है। ऐसे में वे भी एजेंसीज की मनमानी का शिकार हो जाएंगे।

15 सालों से नहीं हुआ है revise
पॉल्यूशन सर्टिफिकेट का रेट पिछले 15 सालों से एक भी बार रिवाइज नहीं किया गया है। इस वजह से एजेंसी होल्डर्स को भी काफी प्रॉब्लम हो रही है। सिटी मोटर्स के प्रोपराइटर जगदीश नारायण चौबे ने बताया कि गवर्नमेंट की ओर से पॉल्यूशन सर्टिफिकेट का रेट इतना कम फिक्स किया गया है, जिससे कि कंपनी एक्सपेंसेज भी नहीं निकल पाते हैं। वहीं एमवीआई अवधेश कुमार ने कहा कि रेट काफी कम हैं फिर भी गवर्नमेंट पॉलिसी को तो मेंटेन करना
जरूरी है।

नहीं दिया जाता bill
मजे की बात ये है कि इन एजेंसीज की ओर से इस काम को बखूबी अंजाम दिया जा रहा है। कस्टमर्स को न तो कोई बिल प्रोवाइड नहीं किया जाता है और न ही पॉल्यूशन सर्टिफिकेट में कहीं लिखा होता है कि उसे बनाने के लिए कितने रुपए लिए गए। अगर ऐसे में बिल हो तो कम से कम कोई कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है। और तो और किसी भी सेटर पर कोई रेट बोर्ड लिस्ट भी नहीं लगाई गई है। जिससे लोगों को वाजिब रेट की जानकारी न हो सके।

'अगर किसी भी एजेंसी द्वारा फिक्स रेट से ज्यादा पैसे लिये जा रहे हैं तो ये इल्लीगल है। फिलहाल ये बात अलग है कि पिछले 15 सालों से पॉल्यूशन सर्टिफिकेट का रेट रिवाइज नहीं हुआ है.'
-अवधेश कुमार, एमवीआई
'कई बार कस्टमर्स बिल की डिमांड करते हैं पर क्या करें गवर्नमेंट पॉलिसी कुछ ऐसी है कि बिल प्रोवाइड नहीं किया जाता.'
-जयप्रकाश, एजेंट, विजय ऑटो मोटर्स, कालीमाटी रोड
'गर्वनमेंट द्वारा काफी कम रेट फिक्स किया गया है। ये रेट इतना कम है कि कंपनी एक्सपेंसेज तक नहीं निकल पा रहे हैं। ऐसे में भला करें तो क्या करें.'
-जगदीश नारायण चौबे, प्रोपराइटर, सिटी मोटर्स (पॉल्यूशन सर्टीफिकेट एजेंसी), मानगो एनएच

Report by: rajnish.tiwari@inext.co.in

Posted By: Inextlive