- यूपी पुलिस का कॉप एप आ रहा आम लोगों के काम

- थानों पर अप्लीकेशन देख टरकाते थे दरोगा-सिपाही

GORAKHPUR: यूपी पुलिस की नई पहल दरोगा-सिपाहियों के लिए मुसीबत बन गई है। थानों पर आने वाली जिन शिकायतों को टरकाकर पुलिस कर्मचारी अपनी जिम्मेदारी पूरी कर लेते थे। वहीं शिकायतें अब पुलिस वालों के गले पड़ने लगी हैं। यूपी पुलिस के कॉप एप पर रोजाना दर्ज हो रही शिकायतों की जांच में पुलिस कर्मचारियों को भागदौड़ करनी पड़ी रही। कितने मामले रोजाना दर्ज हो रहे हैं। यह बताने से भले इनकार किया जा रहा है। लेकिन जिले में एप के यूजर्स को बड़ी राहत मिली है। एसएसपी ने कहा कि पीडि़तों को थानों का चक्कर लगाने से राहत मिली है। लोग मोबाइल फोन से एफआईआर दर्ज कराने लगे हैं।

रोजाना करीब पांच से छह शिकायतें

यूपी कॉप एप से पीडि़त व्यक्तियों को घर बैठे एफआईआर दर्ज कराने की सुविधा दी गई है। एप डाउनलोड करके लोग आसानी से रजिस्ट्रेशन करा रहे हैं। एप में सेल्फ आईडी बनाकर नाम, मोबाइल नंबर, ई-मेल आईडी और अन्य जरूरी जानकारी देने के बाद लॉगइन शुरू करने के लिए ओटीपी मिलती है। ओटीपी आने पर मोबाइल नंबर वेरीफाइड हो जाता है। एप में अज्ञात लोगों के खिलाफ मामले दर्ज कराने की सुविधा है। चोरी, चेन स्नेचिंग, सेंधमारी, गुमशुदगी, डकैती, साइबर क्राइम सहित कई अपराधों में ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराने की सुविधा दी जा रही है। पुलिस विभाग से जुड़े लोगों का कहना है कि जिले में रोजाना करीब पांच से छह शिकायतें एप के जरिए मिल रही हैं। इनमें ज्यादातर मामले मोबाइल चोरी या गुमशुदगी के सामने आए हैं।

इन मामलों में एफआईआर, इनकी मिल रही सुविधा

चोरी

चेन स्नेचिंग

गुमशुदगी

कैरेक्टर सर्टिफिकेट वेरीफिकेशन

कर्मचारी के नाम-पते का सत्यापन

टेनेंट वेरीफिकेशन

डोमेस्टिक हेल्प वेरीफिकेशन

धरना प्रदर्शन की अनुमति

किसी तरह के कार्यक्रम के आयोजन की तैयारी

फिल्म, टीवी सीरियल्स की शूटिंग की अनुमति

सीनियर सिटीजन को आने वाली प्रॉब्लम

पोस्टमार्टम रिपोर्ट की वेरीफाइड कॉपी

रिपोर्ट मिसबिहैवियर

थानों की भागदौड़ से मिली राहत

एप के जरिए घर बैठे ही लोग वेरीफिकेशन के लिए एप्लाई कर रहे हैं। गुमशुदगी, कैरेक्टर सर्टिफिकेट सहित कई अन्य सुविधाएं होने से पब्लिक को थानों का चक्कर नहीं लगाना पड़ रहा है। थानों पर अप्लीकेशन लेकर पहुंचने के दौरान मुंशी-दीवान अक्सर थानेदार के मौजूद न होने की बात कहकर टरका देते थे। इस एप की मदद से अन्य सभी गतिविधियों में लगाम कसी है। मामलों की जांच पड़ताल के नाम पर पुलिस कर्मचारी वसूली करने से हिचकने लगे हैं। शिकायत मिलने पर कार्रवाई करने, जवाब देने की जवाबदेही तय होने से पुलिस कर्मचारियों को फील्ड में निकलना पड़ रहा है।

कोट्स

इस एप से मोबाइल गायब होने या चोरी होने जैसी समस्याओं की शिकायत करने की राहत मिली है। अक्सर शिकायत लेकर थाने जाने पर मोहर लगाने में पुलिस कर्मचारी आनाकानी करते थे। यदि कोई परिचित हुआ तो मोहर लग गई। वरना कुछ न कुछ पैसा खर्च करना पड़ता था।

अनिल गुप्ता, अध्यक्ष भारत नेपाल मैत्री समाज

फिल्मों की शूटिंग के लिए मुझे अनुमति लेनी पड़ती है। अप्लीकेशन लेकर भटकने से राहत मिली है। हाल के दिनों में हमने इस एप का इस्तेमाल किया था। यूपी के किसी हिस्से में शूटिंग के लिए परमिशन लेने में सहूलियत मिली है।

- सुनील मांझी, फिल्म प्रोड्यूसर

घर में चोरी होने पर पुलिस मुकदमा दर्ज करने से बचती थी। ऐसे मामलों की शिकायत इस एप की जरिए दर्ज होने से राहत मिल रही है। घटनाओं को टरकाने वाले पुलिस लोगों का हालचाल पूछत रही है।

राजेश यादव, सोशल वर्कर

Posted By: Inextlive