सिटी के डिफरेंट मंदिरों में बंगभाषी महिलाओं का हुजुम उमड़ पड़ा. सुबह से ही मंदिरों में महिलाओं का भीड़ उमड़ रही थी. मौका था मां विपत्तारिणी पूजा का.

सिटी के डिफरेंट मंदिरों में बंगभाषी महिलाओं का हुजुम उमड़ पड़ा। सुबह से ही मंदिरों में महिलाओं का भीड़ उमड़ रही थी। मौका था मां विपत्तारिणी पूजा का। मां दुर्गा मंदिर में गूंजनेवाली शंख की आवाज और पंडितों के श्लोक से महौल भक्तिमय हो उठा था।

मां विपत्तारिणी
बांग्ला भाषी इस पूजा को बड़े ही धूम-धाम से सेलिब्रेट करते हंै.पूजा करने आई इन महिलाओं का कहना है इसमें विपत्तारिणी मां (दुर्गा मां का ही एक रुप) की पूजा की जाती है। जो भी यह पूजा करता है मां विपत्तारिणी उससे खुश हो उसके सारे विपदा अथवा दुख को खत्म कर देती है और उनके परिवार को खुशियों से भर देती है।

13 किस्म के फूल और फल
पूजा के दौरान मां विद्तारिणी को तेरह तरह के फल और फूल का भोग लगाया जाता है। इसके अलावा मां को दूब घास भी चढ़ाया जाता है। इसके अलावा महिलाएं एक रक्षा बंधन अपने बांह में बांधती है जिसे हर साल पूजा के दौरान बदलती है।

अन्न व नमक वर्जित
इस पूजा में महिलाएं सुख शांति के लिए उपवास रखती हंै, वे केवल फल का सेवन करती है और किसी भी प्रकार के अन्न और नमक का सेवन वे नहीं कर सकती है।

Posted By: Inextlive