- रसाचार्य ने विश्वामित्र आगमन, ताड़का वध, अहिल्या उद्धार कथा का मंचन प्रस्तुत किया

BAREILLY: 'पुण्य और पापकर्म का फल अवश्य प्राप्त होता है, श्राप से पाषाण में तब्दील हुई अहिल्या के पूर्व जन्म के पुण्य कर्मो का ही प्रभाव था कि श्रीराम के चरणों से टकराकर श्रापमुक्त हुई' इन्हीं आशीर्वचनों के साथ फ्राइडे को रासलीला का प्रारंभ हुआ। श्री हरि मंदिर में आयोजित रासलीला मंचन में रसाचार्य डॉ। स्वामी देवकी नंदन ने विश्वामित्र आगमन, ताड़का वध, अहिल्या उद्धार और नरसी भगवान की कथा का सजीव मंचन प्रस्तुत किया। जिसका भक्तों ने देर रात तक आनंद लिया। मंचन के दौरान आरसी गोयल, नवीन गोयल, संतोष अग्रवाल, रोशन अग्रवाल, कन्हैया लाल गुलाटी, जुगल किशोर साबू, मोहन गुप्ता व अन्य लोग मौजूद रहे।

दर्शक हुए भावविभोर

आयोजित कथा मंचन में स्वामी देवकी नंदन ने मौजूद श्रद्धालुओं को विश्वामित्र आगमन का मंचन प्रस्तुत किया। राक्षसों के आतंक से त्रस्त ऋषि विश्वामित्र ने बालरूप राम और लक्ष्मण को लेने अयोध्या पहुंचे। जहां राजा दशरथ ने दोनों पुत्रों को विश्वामित्र के साथ जंगल भेज दिया। उसके बाद ताड़का वध का मंचन किया गया। जिसे देख दर्शकों ने श्री राम के जयकारे लगाए। फिर श्रीराम का वनगमन दिखाया गया। जिसमें जंगल से होकर जाते हुए उनके पांव पाषाण से टकरा गए जिससे अहिल्या का उद्धार हुआ। इसके बाद कलाकारों की टीम ने नरसी भगवान की कथा का सजीव मंचन किया। देर रात तक चले संगीतमयी कथा मंचन में भक्तों ने प्रभुलीला का आनंद लिया।

Posted By: Inextlive