- जुर्माना व जेल जाने के डर से मार्केट में अचानक रेट धड़ाम

- जबकि, मुम्बई पोर्ट से 20 दिनों से नहीं आई है कोई खेप

जुर्माना व जेल जाने के डर से मार्केट में अचानक रेट धड़ाम

- जबकि, मुम्बई पोर्ट से ख्0 दिनों से नहीं आई है कोई खेप

BAREILLY:

BAREILLY:

अरहर के दाल का जमाखोर कोई और नहीं बल्कि रिटेलर हैं। इस सच का खुलासा खुद रिटेलर्स ने ही एक्शन के खौफ में कर बैठे। जमाखोरी पर शासन के एक्शन मोड में आते ही दो दिन पहले तक दो सौ रुपए किलो बिक रही अरहर की दाल के रेट अचानक धड़ाम हो गए। जबकि, मुम्बई पोर्ट से पिछले दो वीक से अरहर दाल की एक भी खेप शहर नहीं आई है।

प्रति केजी ब्0 से म्0 रुपए की कमी

दरअसल, महंगाई पर लगाम लगाने के लिए एडमिनिस्ट्रेशन ने मंडे से अभियान चलाने की बात कही है। साथ ही तीन से अधिक राहत केंद्रों की संख्या भी बढ़ाने को कहा है। कार्रवाई होने के डर से रिटेलर ने जमाखोरी कर रखी गई दाल का पिटारा खोल दिया। साथ ही, क्रिएट की गई महंगाई को भी कम कर दिया, जो दाल रिटेलर क्80-क्90 रुपए प्रति केजी बेच रहे थे। वह सैटरडे को क्क्0 से क्ब्ख् रुपए प्रति केजी बिका, जो कि खोले गए राहत केंद्र के क्ब्0 रुपए से भी कम था। श्यामगंज के होलसेल व रिटेलर के यहां अरहर के दाल के दाम में कोई खास अंतर नहीं रहा।

ख्0 दिन से नहीं आई कोई खेप

खुद बरेली दाल मिलर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है कि पिछले ख्0 दिनों से मुम्बई पोर्ट से दाल की एक भी खेप शहर नहीं आयी है। जबकि, मुम्बई पोर्ट से ही शहर में खड़ा अनाज आता है, जिसके बाद शहर में दाल तैयार की जाती है। मुम्बई से माल आने में कम से कम पांच दिन का समय लगता है और फिर दाल तैयार करने में तीन से चार दिन का समय लगता है। ऐसे में, दाल की कीमतों में अचानक आई कमी की बात पच नहीं रही है। जब माल मुम्बई से आया ही नहीं तो भाव के अचानक कमी आना संभव कैसे है। दाल के दाम में कमी रिटेलर के यहां ही सबसे अधिक देखने को मिल रही है। जबकि, होलसेलर के यहां भाव में कोई खास अंतर नहीं हुआ है। सोर्सेज से मिली जानकारी के मुताबिक रिटेलर पहले से ही दाल को स्टोर करके रखे हुए थे। शासन और प्रशासन का डंडा पड़ने के डर से उन्होंने रेट कम कर दिया। ताकि, अधिकारियों का ध्यान बंट जाए। और वह कार्रवाई से बच जाए।

जमाखारों के खिलाफ अभियान चलाया जाएगा। जो भी दाल की जमाखोरी करते हुए पाया जाएगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

एसएस यादव, सेक्रेटरी, मंडी समिति

पिछले ख्0 दिनों से मुम्बई पोर्ट एक भी खेप अनाज की नहीं आयी है। हम लोग भी लोकल शहरों से दाल मंगा रहे हैं।

सुरेश चंद्र जैन, महामंत्री, बरेली दाल मिलर्स एसोसिएशन

दाल की कई वेरायटी है, जो कि क्क्0 से क्ब्ख् रुपए प्रति केजी है। श्यामगंज में होलसेलर की संख्या ख्भ् है। जहां से पूरे शहर के रिटेलर दाल ले जाते है।

मनोज खंडेलवाल, होलसेलर

Posted By: Inextlive