शहीद महेश ने सुबह 11 बजे पत्‍‌नी से की थी कॉल, बोला था अपना ख्याल रखना

रात में ही परिवारवालों को लग गयी थी भनक, सुबह पुलिस ने पहुंचकर किया कन्फर्म

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सोमवार को ही एक सप्ताह अवकाश पर घर रहने के बाद शहीद महेश डयूटी पर लौटे थे। गुरुवार की सुबह 11 बजे पत्‍‌नी को फोन करके घर का हाल चाल लिया और बताया कि बटालियन कश्मीर के लिए रवाना हो रही है। अब कश्मीर पहुंचने के बाद ही बात होगी। वह खुद के साथ बच्चों और परिवार का ख्याल रखे। कश्मीर पहुंचने के बाद कॉल करुंगा। पत्‍‌नी मंजू की पुलवामा में शहीद हुए पति महेश से हुई बातचीत के ये अंतिम शब्द थे। इसके बाद वह हमेशा के लिए खामोश हो गये। इन शब्दों को बार-बार याद करके संजू और महेश की बहन वंदना बार-बार बेसुध हो जातीं। उनके करुण क्रंदन से सांत्वना देने के लिए उमड़ी भीड़ की आंखें भी नम हो उठीं। शहीद के घर पूरे दिन आने वालों का तांता लगा रहा। उनका पार्थिव शरीर शुक्रवार की देर रात तक यहां नहीं पहुंचा था। परिवार के सदस्यों के शनिवार की सुबह मुंबई से यहां पहुंचने के चलते अंतिम संस्कार भी शनिवार को ही करने का फैसला लिया गया।

बाबा को देखने 5 को आये थे महेश

पुलवामा में गुरुवार को हुए आत्मघाती हमले में शहीद हुए महेश कुमार यादव मूल रूप से मेजा एरिया के कोढ़निया गांव के रहने वाला थे। पिता राजकुमार यादव मुम्बई में टैक्सी चालक हैं। बचपन से ही सैनिक बनने का सपना देखने वाले महेश का चयन दो साल पहले सीआरपीएफ में हुआ था। उनकी पोस्टिंग 118 बटालियन में हुई। परिवार में पत्नी संजू देवी के अलावा दो बेटे पांच साल का समर और चार साल का साहिल है। पैतृक आवास पर इनके अलावा महेश की मां मां शांति देवी, छोटे भाई अमरेश यादव एवं बहन वंदना देवी रहती हैं। महेश की मां शांति देवी बताती हैं कि बाबा तेज प्रताप सिंह की तबियत पिछले दिनो ज्यादा खराब हो गयी थी। यह सूचना मिलने के बाद पांच फरवरी को बेटा घर आया था। बाबा रेलवे के इम्प्लाई थे तो इलाज भी रेलवे हॉस्पिटल का ही चल रहा था। यहां के डॉक्टर्स ने उन्हें टाटा मेमोरियल मुंबई के लिए रिफर कर दिया था। सोमवार को महेश ने छोटे भाई को बाबा के साथ मुंबई भेजा और दोपहर में खुद डयूटी के लिए रवाना हो गये। मां मनहूस दिन सोमवार को कोसती रहीं जब बेटा महेश यहां से रवाना हुआ था।

शहीद महेश के सगे चाचा सुशील यादव रेलवे के इम्प्लाई हैं। फाफामऊ में उनकी तैनाती है। महेश के घर आने की सूचना मिली तो वह भी घर पहुंचे थे। चाचा सुशील से रविवार की शाम महेश ने बेटों समर एवं साहिल का दाखिला शहर के किसी अच्छे स्कूल में कराने की बात की थी। सुशील के साथ वह बेहद फ्रेंडली थे। सोमवार को चाचा बाइक से ड्यूटी जाने लगे तो महेश को भी साथ चलने के लिये कहा। इस पर महेश ने कहा था कि मेरी ट्रेन रात में है। दोपहर बाद जाऊंगा। भतीजे के शहीद होने की सूचना पर घर पहुंचे सुशील कुमार महेश के साथ हुई इन बातों को याद करके गमगीन हो उठे। शहीद के दोनो बेटे समर एवं साहिल महर्षि अरविंद विद्या निकेतन में पढ़ते हैं।

शहीद का परिचय

नाम: महेश कुमार यादव

पिता: राजकुमार यादव

पढ़ाई: स्नातक

महेश पढ़ने में अच्छा था। वह बचपन से ही सेना में नौकरी करने का सपना देखता था। इस सपने को पूरा करने के लिये वह कड़ी मेहनत भी करता था। उसका सपना तो पूरा हो गया, लेकिन शहीद होने से परिवार का सपना बिखर गया।

प्रेम चंद्र यादव

प्रधानाचार्य, श्री राम किशोर इंटर कालेज

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दिल्ली भाजपाध्यक्ष कल्चरल प्रोग्राम में रहे, नहीं पहुंचे शहीद के घर

भारतीय जनता पार्टी दिल्ली के अध्यक्ष सांसद मनोज तिवारी संयोग से गुरुवार की रात मेजा में ही थे। उनके साथ भोजपुरी के साथ बॉलीवुड और हॉलीवुड की मूवीज में काम कर चुके भाजपा नेता रविकिशन भी थे। दोनो शहीद के गांव से करीब 10 किलोमीटर दूर स्थित कुंवरपट्टी गांव में शीतला महोत्सव शिरकत करने के लिए पहुंचे थे। यहां पूरी रात प्रोग्राम चला और दोनों ने खूब धमाल मचाया। मनोज तिवारी और रविकिशन प्रोग्राम के बाद लौट गये। दोनों ने शहीद के घर सांत्वना देने के लिए जाना जरूरी नहीं समझा। इसे लेकर क्षेत्र के लोगों में नाराजगी दिखी। नेताओं ने उनके प्रोग्राम पर ही सवाल खड़ा कर दिया।

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विधायक उठायेंगी बच्चों की पढ़ाई का खर्च

क्षेत्रीय विधायक नीलम करवरिया ने शहीद महेश यादव के दोनों बच्चों की पढ़ाई का जिम्मा उठाने की घोषणा की है। शुक्रवार की शाम शहीद के घर सांत्वना देने पहुंचीं विधायक ने शहीद की पत्‍‌नी संजू देवी को गले लगाकर ढांढस बंधाया और कहा कि इस दु:ख की घड़ी में वह उनके साथ हैं। उन्होंने दोनों बच्चों के नाम एक लाख का फिक्स डिपॉजिट कराने का भरोसा दिलाया और कहा कि दोनों बच्चे जहां तक पढ़ाना चाहेंगे, उनकी पढ़ाई का खर्च वह वहन करेंगी।

सुबह पता चली बेटे के शहीद होने की खबर

पुलवामा में घटना गुरुवार को दिन में तीन बजे हुई थी। इसके बाद भी महेश के परिवार के लोगों को इसकी सूचना शुक्रवार की भोर में मिली। हालांकि, कश्मीर में हमले की सूचना उन्हें थी। परिवारवालों ने देर रात तक महेश का फोन नहीं आने पर बटालियन के अफसरों तक को कॉल किया लेकिन किसी ने मौत की सूचना कन्फर्म नहीं की। भोर में सीओ मेजा उमेश शर्मा और इंसपेक्टर मेजा मनोज तिवारी यह मनहूस सूचना लेकर शहीद के घर पहुंचे। परिवार के लोगों ने बताया कि शहीद का पार्थिव शरीर आज ही देर रात तक पहुंचने की सूचना है। लेकिन, अंतिम संस्कार शनिवार को किया जायेगा। उन्होंने बताया कि सूचना पाकर शहीद के बाबा तेज प्रताप यादव को लेकर पिता राजकुमार एवं छोटे भाई अमरेश यादव मुंबई से निकल चुके हैं। वे शनिवार की सुबह यहां पहुंचेंगे। इसके बाद अंतिम संस्कार किया जायेगा। उधर, तहसील प्रशासन ने नरवर चौकठा घाट की सफाई करा दी। सीओ ने बताया कि इसी घाट पर शहीद का अंतिम संस्कार होगा और सलामी दी जायेगी।

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बहन के लिए खरीदकर गये थे बाइक

शहीद महेश का छोटी बहन वंदना से बेहद लगाव था। वह इस साल यूपी बोर्ड की इंटरमीडिएट की परीक्षा में शामिल हो रही है। वंदना ने बताया कि मंगलवार को घर आये भइया ने सेंटर के बारे में पूछा था। सेंटर उरुवा में सत्य नारायण इंटर कालेज गया था। वहां तक जाने में होने वाली दिक्कत को देखते हुए उसने महेश से बाइक खरीदने की रिक्वेस्ट की तो महेश ने जाने से पहले ही बहन की यह मुराद पूरी कर दी। घर में खड़ी बाइक दिखाकर वह फफक पड़ी।

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बेहद सरल स्वभाव के थे महेश

Posted By: Inextlive