- कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल विजेता का एयरपोर्ट से दांदूपुर तक लोगों ने किया जोरदार स्वागत

- खुली जीप में पूनम को बीस किमी की दूरी तय करने में लगे तीन घंटे

- गांव में दिखा जश्न का माहौल, शुभकामना देने वालों का लगा रहा तांता

VARANASI

सफलता का रंग किसी भी रंग से अधिक चटख और गहरा होता है। शुक्रवार को कॉमनवेल्थ गेम्स से सोना जीत कर पहली बार अपने घर आयी गोल्डेन गर्ल पूनम के चेहरे पर कुछ इसी तरह की रंगत बिखरी नजर आयी। सुबह करीब 10 बजे जैसे ही पूनम लाल बहादुर शास्त्री इंटरनेशनल एयरपोर्ट के बाहर निकलीं प्रशंसकों का रेला बनारस की बेटी के एक झलक को बेचैन दिखा। एयरपोर्ट से पूनम खुली जीप में अपने गांव दांदूपुर तकरीबन एक बजे पहुंचीं। एयरपोर्ट से गांव की दूरी महज 20 किमी की थी लेकिन पूनम को वहां पहुंचने में तीन घंटे से अधिक का समय लग गया।

स्वागत का था खास इंतजाम

गोल्ड कोस्ट के वेटलिफ्टिंग में 69 केजी वेट कैटेगरी में गोल्ड मेडल हासिल करने वाली पूनम के प्रशंसकों ने उसके स्वागत का खास इंतजाम कर रखा था। भारत माता की जय के नारे और लहराते तिरंगे के बीच कोई फूल से स्वागत कर रहा था तो कोई माला पहना कर। पूनम के साथ सेल्फी लेने के लिए भी प्रशंसकों में खासी होड़ रही। एयरपोर्ट से लेकर दांदूपुर तक पूनम की जीप को दर्जनों बार रोकना पड़ा। सैकड़ों की संख्या में लोगों ने ढोल-नगाड़े से उनका स्वागत किया। हर किसी की चाहत थी कि वो पूनम से हाथ मिलाये। लड़कियों में तो पूनम के साथ सेल्फी लेने का कुछ अलग ही क्रेज रहा। एयरपोर्ट पर वाराणसी मंडल के क्षेत्रीय क्रीड़ाधिकारी एसएस मिश्रा, एयरपोर्ट के डायरेक्टर अनिल कुमार राय, एसडीएम पिंडरा डॉ एसएन यादव सहित सहित बड़ी संख्या में खेल प्रेमी मौजूद थे। लोगों ने ढोल नगाड़े से उनका स्वागत किया। काशी नाटिनियादाई व्यापार मंडल के बैनर तले प्रशंसकों ने तिरंगा के बीच पूनम का स्वागत किया गया।

दांदूपुर में जश्न का माहौल

पूनम के गांव दांदूपुर में तो जैसे जश्न का माहौल था। ऐसा लग रहा था कि पूनम ने नहीं गांव की हर लड़की और लड़के ने गोल्ड जीता है। हर कोई एक दूसरे को बधाई दे रहा था। पूनम के घर के पास तो जैसे मेला लगा हुआ था। पूनम को बधाई देने वालों का तांता पूरे दिन लगा रहा। प्रदेश के होमगार्ड मंत्री अनिल राजभर भी पहुंचे और पूनम को इस शानदार सफलता पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि पूनम ने देश के साथ प्रदेश का नाम रोशन किया है। प्रदेश में खिलाडि़यों को किसी चीज की कमी नहीं होने दी जाएगी। पूनम हमारे लिए एक गौरव है।

पिता की आखों से छलके आंसू

एक ओर जहां लोग पूनम को बधाई दे रहे थे तो वहीं पिता की आंखों से बेटी की सफलता पर खुशी के आंसू छलक पड़े। पिता को रोते देख बेटी पूनम ने आंसू पोछते हुए आशीर्वाद लिया और आगे और मेडल्स जीतने का वादा किया।

दादी नानी सब थीं घर पर

पूनम के घर पहुंचने से पहले प्रशंसक पहुंच गये। रिश्तेदारों की संख्या भी बहुत थी। परिवार वाले तो लोगों की बधाई स्वीकार करने में ही व्यस्त थे। दादी समदेई की तो खुशी का ठिकाना ही नहीं था। हर आने-जाने वाले से मिठाई खा कर जाने के लिए कह रही थीं। पूनम के लिए उनके मुंह से आशीर्वाद की झड़ी लगी हुई थी। जुग-जुग जिये मोर बिटिया। खुशी थी कि आंख के कोर से रिसती भी दिखी। पूनम की नानी जीउता भी यहां थीं। कहा कि पूनम की मेहनत का फल उसे मिला है। पूनम ने परिवार का नाम रोशन कर दिया।

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शादी का फैसला पूनम पर- धर्मराज

पूनम के घर पर उनका स्वागत करने वालों में धर्मराज भी थे। सेना में कार्यरत धर्मराज यादव नेशनल लेवल डिस्कस थ्रोअर हैं और उनसे ही पूनम की शादी होने वाली है। पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में कहा कि पूनम को मैंने पहली बार तीन साल पहले पटियाला में देखा था। पहली ही नजर में एक अलग तरह की लड़की लगी। यहां हुई मुलाकात आगे बढ़ी। कहा कि शादी कब होगी, इसका फैसला पूनम को लेना है। अभी उसे ओलंपिक में गोल्ड जीतना है।

Posted By: Inextlive