शंकराचार्य व श्री निम्बार्क आश्रम सहित अन्य संस्थाओं में सुबह आठ बजे से शुरू हो जाएगा गुरु पूर्णिमा महोत्सव

दिन में खत्म हो जाएंगे सभी स्थानो पर प्रोग्राम, शाम को कोई आयोजन नहीं

ALLAHABAD: गुरु पूर्णिमा का उल्लास शुक्रवार को रहेगा लेकिन गत वर्षो की भांति इस बार गुरु को पूजने के लिए शिष्यों को पूरे दिन का मौका नहीं मिल पाएगा। इसकी बड़ी वजह यह है कि शुक्रवार को देर रात सदी का सबसे बड़ा चंद्रग्रहण लगने जा रहा है और उसका सूतक काल दोपहर तीन बजे से पहले शुरू हो जाएगा। सूतक में पूजन-अर्चन से लेकर पूजा-पाठ जैसे कार्य नहीं किए जाते हैं इस वजह से शंकराचार्य आश्रम, श्री निम्बार्क आश्रम व मां कामाख्या संस्थान सहित कई मंदिरों में होने वाले गुरु पूर्णिमा महोत्सव के शेड्यूल में फेरबदल किया गया है। इसीलिए महोत्सव के सभी आयोजन दोपहर एक बजे के पहले तक समाप्त कर दिए जाएंगे।

2.54 बजे लग जाएगा सूतक

सदी के सबसे बड़े चंद्रग्रहण का इलाहाबाद में भी व्यापक प्रभाव दिखाई देगा

चंद्रग्रहण भारतीय समयानुसार देर रात 11.54 बजे से अस्तित्व में आ जाएगा

उसका समाप्ति काल भोर में 3.49 बजे तक रहेगा

ग्रहण के धर्म शास्त्रों के अनुसार ग्रहण का सूतक काल नौ घंटे पहले शुरू हो जाता है

इस वजह से ग्रहण का सूतक काल दोपहर 2.54 बजे शुरू होगा

सूतक लगते ही मंदिरों के कपाट को भी बंद कर दिया जाएगा।

हजारों शिष्यों को मिलेगा गुरु मंत्र

गुरु पूर्णिमा पर सबसे बड़ा आयोजन अलोपीबाग स्थित शंकराचार्य आश्रम में होगा। यहां सुबह आठ बजे पादुका पूजन के उपरांत स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती की सानिध्य में एक हजार शिष्यों को गुरु दीक्षा प्रदान की जाएगी। सोहबतियाबाग स्थित श्री निम्बार्क आश्रम में सुबह आठ बजे पादुका पूजन के साथ संत-महात्माओं के द्वारा सात सौ शिष्यों को गुरु दीक्षा प्रदान की जाएगी। मां कामाख्या संस्थान की ओर से गीता निकेतन के सामने स्थित केसरी सत्कार भवन में गुरु दीक्षा लेने के लिए पांच सौ शिष्यों ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया है। इसी तरह दारागंज स्थित महा निर्वाणी अखाड़े में पांच सौ, अरैल स्थित परी अखाड़ा के परिसर में तीन सौ शिष्यों को गुरु दीक्षा दी जाएगी।

सूतक ने बदला शाह का कार्यक्रम

चंद्रग्रहण के सूतक काल का ही असर है कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को पहले से निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक शाम पांच बजे मौजूगिरि मंदिर में पूजन-अर्चन और नए घाट का उद्घाटन करने जाना था लेकिन नए कार्यक्रम के मुताबिक उनका कार्यक्रम सुबह साढ़े आठ बजे से लेकर दोपहर डेढ़ बजे तक ही निर्धारित हुआ है।

धर्मग्रंथों में वर्णित है कि सूतक काल में गुरु दर्शन, देव दर्शन और उनका पूजन-अर्चन नहीं किया जाता है। इसलिए आश्रम में होने वाले कार्यक्रम को सुबह आठ बजे से शुरू कराया जाएगा। पादुका पूजन और गुरु दीक्षा के बाद परिसर में भंडारा आयोजित किया जाएगा।

छोटेलाल मिश्रा,

संयोजक शंकराचार्य आश्रम

Posted By: Inextlive