अगर आपने अपना आधार कार्ड बनवाने के लिए enrollment करवाया है और time बीतने के बाद भी card नहीं मिला है तो परेशान न हों.


युनिक आईडेंटिफिकेशन इनरोलमेंट में मिल रही खामियों के चलते यूआईडीएआई ने लखनऊ में चल रहे कई सेंटर्स को बंद करा दिया है। पार्लियामेंट्री कमेटी के प्रेसीडेंट के निगेटिव एटीट्यूड से भी इस पर आने वाले दिनों में असर पड़ सकता है। क्वालिटी मेनटेन न कर पाने की वजह से यूआईडीएआई के अधिकारियों ने कई रजिस्ट्रार को फटकार लगायी है और जहां-जहां कमियां मिली हैं उन सभी सेंटर्स को फौरी तौर पर बंद करने का आदेश दिया है।


क्वालिटी मेनटेन करने में फेल इनरोलमेंट सेंटर्स की जांच करने के बाद यूआईडीएआई ने स्टेट में अलग-अलग सेंटर्स पर जाकर चेक किया तो बहुत सी खामियां उनके सामने आयी। इसमें यूआईडीएआई ने रजिस्ट्रार एसबीआई के अंडर में काम करने वाली एक बड़ी कंपनी को सस्पेंड कर दिया है। स्टेट में चल रहे इस कंपनी के कई सेंटर्स को यूआईडीएआई ने बंद करा दिया है। हालत यह है कि जहां आधार कार्ड के लिए इनरोलमेंट का काम चल रहा था वहां इंफार्मेशन देने वाला भी अब कोई नहीं है। इस बारे में जब यूआईडीएआई के अधिकारियों से बात की गई तो बताया गया कि यूआईडीएआई ने रजिस्ट्रार स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के अंडर काम करने वाली एक कंपनी को क्वालिटी बेस फालो करने में लापरवाही की वजह से एक टाइम पीरियड के लिए सस्पेंड कर दिया है। इससे पहले भी यूआईडीएआई कई बड़ी कंपनियों को सस्पेंड कर चुकी है। Quality से समझौता नहींयूआईडीएआई के असिस्टेंट जनरल डायरेक्टर चंद्र शेखर मिश्रा ने बताया कि आधार कार्ड इनरोलमेंट बनाने में किसी तरह का समझौता नहीं किया जा रहा है। क्वालिटी मेनटेन करने के लिए हर रेजीडेंट की जांच मैनुअली की जा रही है। इनरोलमेंट करने वाली कंपनियों की निगरानी की जा रही है। इसमें लापरवाही बरतने वाली कंपनीज के साथ आपरेटर्स को भी बतौर पनिशमेंट एक टाइम पीरियड के लिए ब्लैकलिस्ट किया जा रहा है।एक साल में लगभग 36 लाखयुनिक आईडी की शुरुआत इस साल की शुरुआत में हुई थी। यूआईडीएआई की वेबसाइट पर भरोसा करें तो एक साल में यूपी में अब तक करीब 37 लाख 61 हजार 281 लोगों का आधार कार्ड के लिए रजिस्ट्रेशन किया गया है। इसमें सबसे ज्यादा लखनऊ में पांच लाख 84 हजार 921 का इनरोलमेंट किया जा चुका है साथ ही कुछ जिले ऐसे भी हैं जहां एक हजार के आसपास इनरोलमेंट हुआ है। सबसे ज्यादा इनरोलमेंट के मामले में लखनऊ के बाद कानपुर नगर का नम्बर है। यहां अब तक तीन लाख 72 हजार 49 लोगों के इनरोलमेंट हो सके हैं। उठा था सवाल

वित्तीय मामलों पर यशवंत सिन्हा की अगुवाई वाली पार्लियामेंट्री कमेटी ने नेशनल आइडेंटिफि केशन अथॉरिटी ऑफ  इंडिया बिल के मौजूदा फारमेट पर कुछ आब्जेक्शन लगाते हुए रिजेक्ट कर दिया था। हालांकि यूआईडी से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि इसमें न सिर्फ सिक्योरिटी बल्कि क्वालिटी का भी पूरा ध्यान रखा जा रहा है। मिली खामियांसूत्रों की मानें तो चेकिंग के दौरान यूआईडी के अधिकारियों को इनरोलमेंट एजेंसियों की ओर से कलेक्ट डाटा में बहुत सी खामियां मिली है। सबसे ज्यादा प्राब्लम रेंजीडेंट्स की फोटो में आ रही हैं। किसी का चेहरा साफ नहीं है तो किसी चेहरा पूरी तरह से गायब है। इतना ही नहीं कुछ इनरोलमेंट ऐसे भी हैं जिसमें पास में खड़े दूसरे लोगों के भी बॉडी पार्ट्स आ गये हैं। सूत्रों की मानें तो यूआईडीएआई ने जब आधार के इनरोलमेंट का काम शुरु किया था तो उस समय दो सौ से ज्यादा कंपनियों को इम्पैनल किया गया था। जो कंपनियां क्वालिटी मेनटेन करने में फेल हुईं उन्हें ब्लैक लिस्ट करके हटा दिया गया। सूत्रों की मानें तो ऐसी कंपनियों की संख्या 100 से ज्यादा है। क्यों जरुरी है आधार ?

आधार नम्बर बैंक एकाउंट खोलने से लेकर पासपोर्ट और पैनकार्ड जैेसे इम्पोर्टेंट डाक्यूमेंट्स को बनवाने के लिए सबसे बेहतर आईडी के रूप में यूज होगा। आधार नम्बर आपके पास होने का मतलब है कि आईडी लगाने के लिए आपको किसी पेपर की फोटो कापी की जरुरत नहीं होगी लेकिन कुछ पालिटिशियन की गलत पालिसी की वजह से इस पर असर पड़ सकता है।नहीं पहुंचा आधार कार्डआधार इनरोलमेंट के 90 दिनों के अंदर आधार नम्बर देने के यूआईडीएआई का वादा फिलहाल पूरा नहीं हो पाया है। सिटी में ऐसे लोगों की संख्या कम नहीं है जिनको इनरोलमेंट कराए हुए तीन महीने पूरे हो गये हैं लेकिन उनके आधार नम्बर का दूर दूर तक कोई पता नहीं है। यूआईडीएआई की वेबसाइट पर स्टेटस कालम में इनरोलमेंट नंबर इंटर करने पर स्टेटस अंडर प्रोसेस शो करता है.  यूआईडी के सूत्रों की मानें तो यूआईडीएआई हेड क्वार्टर ने क्वालिटी बेस मेनटेन करने के लिए रजिस्ट्रार का एक वेरीफायर हर इनरोलमेंट सेंटर पर रखने के लिए कहा है। यानी अब इनरोलमेंट एजेंसियां अपनी मनमानी नहीं कर पाएंगी। ऐसा न करने वाले सेंटर बंद कर दिये जाएंगे। सूत्रों का कहना है इसके लिए सभी रजिस्ट्रार्स को लेटर भेज दिया गया है। वैरीफायर का काम एक-एक डाक्यूमेंट चेक करने का होगा।
हमें क्वांटिटी नहीं क्वालिटी मेनटेन करनी है। क्वालिटी के साथ यूआईडीएआई किसी तरह का समझौता नहीं करेगी। साथ ही किसी भी लेवल पर नियमों को नजरअंदाज करने पर न सिर्फ आपरेटर्स बल्कि इनरोलमेंट एजेंसी और रजिस्ट्रार को भी पनिश किया जा रहा है। जहां तक 90 दिनों बाद भी आधार नम्बर जेनरेट न होने की बात है इसमें कुछ समय जरुर लग रहा है। ऐसा 100 प्रसेंट सही आधार नम्बर जेनरेट करने के लिए की जा रही चेकिंग की वजह से हो रहा है। इनरोलमेंट करा चुके रेजीडेंट्स को घबराने की जरुरत नहीं है उनका आधार नम्बर उन तक जरुर पहुंचेगा।चंद्रशेखर मिश्रा, असिस्टेंट जनरल मैनेजर यूआईडीएआई, रीजनल आफिस, लखनऊ।Reported by : Yasir Raza

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