RANCHI: आए दिन पावर कट से परेशान लोगों के लिए गुड न्यूज है। जी हां, लोगों को क्वालिटी बिजली देने के लिए मिनी व माइक्रो ग्रिड लगाए जाएंगे, जो हाइडल व सोलर आधारित होंगे। इसके जरिए एक ओर जहां लोगों को 24 घंटे बिजली मिल पाएगी वहीं जर्जर ट्रांसमिशन लाइन के झंझट से भी छुटकारा मिलेगा। इससे संबंधित पॉलिसी बनाने में झारखंड बिजली वितरण निगम व झारखंड रिन्यूएबल एनर्जी डेवपलमेंट एजेंसी(जे्रडा) जुट गए हैं। इससे हर जिले में छोटी-छोटी जगहों पर मिनी व माइक्रो ग्रिड बनाए जाएंगे और लोगों तक क्वालिटी बिजली पहुंचाई जाएगी।

सुगम होगी व्यवस्था

ज्रेडा के डायरेक्टर निरंजन कुमार ने बताया कि झारखंड में मिनी और माइक्रो ग्रिड लगाने की पॉलिसी तैयार की जा रही है। इसके लागू होने के बाद राज्य के हर जिले में बिजली की सुगम व्यवस्था हो जाएगी। ये मिनी ग्रिड सोलर और हाइडल से जेनरेट बिजली के जरिए चलेंगे। बाद में इन्हें मुख्य ग्रिड से भी जोड़ा जा सकता है।

निजी डेवलपर भी बनाएंगे

डायरेक्टर निरंजन कुमार ने बताया कि इस योजना के तहत 10 व 500 किलोवॉट तक के मिनी ग्रिड खुद से भी लगाए जा सकते हैं। इससे छोटे-छोटे एरिया में बिजली सप्लाई की जाएगी। इस मिनी ग्रिड सोलर पावर प्लांट योजना से लाइट, टीवी, रेडियो और पंखा चलाने की सुविधा मिल सकेगी। यह सोलर पावर मिनी ग्रिड रूरल एरिया में बिजली के अच्छे विकल्प के रूप में सामने आ सकते हैं। इससे खासतौर पर लंबी दूरी की विद्युत वितरण की लाइनों को विकसित करने पर होने वाला खर्च कम होगा और विद्युत लाइन में होने वाले नुकसान भी घटेंगे।

500 केवी तक कैपासिटी

छोटे ग्रिड लग जाने के बाद गांवों की जरूरतों के साथ-साथ अन्य वाणिज्यिक उपयोगों जैसे सिंचाई, आटा चक्की, पेट्रोल पंप, दुकानों, स्कूलों, अस्पतालों, टेलीकॉम टावर के लिए भी सोलर पावर देने के लिए एक डेटा तैयार किया जाएगा। इसके बाद सोलर फोटोवोल्टाइक पावर प्लांट स्थापित होंगे। इनकी क्षमता 10 किलोवॉट से 500 किलोवॉट तक होगी।

अभी कोयला आधारित उत्पादन

अक्षय ऊर्जा के छोटे ग्रिड बिजली की किल्लत दूर करने के बेहतर समाधान साबित हो सकते हैं। इनके माध्यम से राज्य के दूर-दराज के क्षेत्रों का विद्युतीकरण करने में भी खासी आसानी होगी। मौजूदा सेंट्रल ग्रिड जिस बिजली की आपूर्ति करता है उसका 70 फ सद हिस्सा कोयले से तैयार होता है। जब बिजली रिन्यूएबल एनर्जी से तैयार होने लगेगी तो लोगों को जरूरत के हिसाब से आसानी से मिल जाएगी। मिनी ग्रिड के जरिए मौजूदा बिजली कंपनियों के मुकाबले अधिक जल्दी व कुशलता से लोगों को स्वच्छ ऊर्जा दी जा सकेगी। ये मिनी ग्रिड बहुत जल्द तैयार हो जाते हैं। इन पर खर्च भी काफी कम आता है,

वर्जन

झारखंड में मिनी ग्रिड बनाने के लिए पॉलिसी बनाई जा रही है। इससे क्वालिटी की बिजली भी मिलेगी और ट्रांसमिशन नेटवर्क में भी सुधार होगा।

निरंजन कुमार, डायरेक्टर, ज्रेडा

Posted By: Inextlive